logo

ट्रेंडिंग:

योग, पूजा और ध्यान; गुफा में कैसा जीवन बिता रही थी रूसी महिला?

कर्नाटक की गुफा से रेस्क्यू के बाद रूसी महिला खुश नहीं है। अपने दोस्त को भेजे संदेश में उसने खूब नाराजगी जाहिर की। उसने बताया कि वह गुफा में अच्छे से जीवन बिता रही थी।

Russian woman rescued from the cave.

गुफा से रूसी महिला को रेस्क्यू किया गया। ( Photo Credit: Social Media)

कर्नाटक के जंगल में एक गुफा में दो बेटियों के साथ रहने वाली रूसी महिला को पुलिस ने 11 जुलाई को रेस्क्यू किया। सबसे हैरानी की बात यह रही कि कर्नाटक के घने जंगलों के बीच बनी इस गुफा में महिला ने खुद को और अपने बच्चों को कैसे जिंदा, उसने क्या खाया और जंगली जानवरों व खतरनाक जीवों से कैसे सुरक्षा की? अब रूसी महिला नीना कुटीना ने इन सवालों का जवाब दिया। नीना का कहना है कि वह प्रकृति से बहुत प्रेम करती हैं और अब तक 20 देशों के विभिन्न जंगलों में रह चुकी हैं। जंगलों में रहने का उनके पास अच्छा खासा अनुभव है।

 

न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में नीना ने कहा, 'हमें जंगलों में रहने का लंबा अनुभव है। हम यहां मर नहीं रहे थे और न ही अपने बच्चों को मारने जंगल लाई थी। वह बेहद खुश थे। कोई भूख से नहीं मर रहा था। हम झरने में नहाते थे।' गोकर्ण पुलिस के उपनिरीक्षक श्रीधर एसआर का कहना है कि महिला रविवार को भी अपने बच्चों को योग सिखाती थी।

 

यह भी पढ़ें: 10 राज्यों में मूसलाधार बारिश का अलर्ट, कई जगह बाढ़ जैसे हालात

गुफा में कोई खतरा नहीं था

नीना ने बताया कि गोकर्ण गुफा गांव से बेहद करीब है और बिल्कुल खतरनाक नहीं है। यहां हमारी बच्चियों को कोई खतरा नहीं था। लोगों की बस्ती से गुफा इतनी भी दूर नहीं थी कि हम खाना नहीं खरीद सकते थे। यह एक बड़ी और अच्छी गुफा है। वहां कोई खतरा नहीं था। 

2017 के बाद चार देश घूमीं नीना

पुलिस ने दावा किया कि नीना बिजनेस वीजा पर साल 2016 में भारत आई थीं। मगर उनका वीजा 2017 में समाप्त हो चुका है। इस पर नीना का कहना है कि पुलिस ने उनका पुराना पासपोर्ट देखा था। हमारा वीजा हाल ही में समाप्त हुआ है। 2017 के बाद चार देशों की यात्रा की। इसके बाद भारत वापस आ गई।

 

'मेरा आरामदायक जीवन बिखर गया'

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक नीना कुटीना ने रविवार को अपनी एक दोस्त को बेहद भावुक संदेश भेजा था। इसमें उन्होंने कहा कि जंगल में मेरा आरामदायक जीवन बिल्कुल बिखर गया है। दूसरी तरफ पुलिस का कहना है कि गुफा के आसपास भूस्खलन और जहरीले सांपों का खतरा रहता है। इस वजह से उनका रेस्क्यू किया गया।

'हम सिर्फ इंसानों से डरते थे'

रूसी भाषा के अपने संदेश में नीना ने लिखा, खास, आसमान और झरने की बिना वाली एक जेल में मुझे डाल दिया गया है। यहां हम बर्फीले सख्त फर्श पर 'बारिश और सांपों से सुरक्षा की खातिर सोते हैं। नीना ने आगे लिखा कि हमारे पूरे जीवन में एक बार भी किसी सांप ने हमें नुकसान नहीं पहुंचाया। एक भी जानवर ने हमला नहीं किया। कई सालों तक हम सिर्फ इंसानों से डरते थे। सांप कहां नहीं होते हैं। आपके घर, शौचालय और किचन तक सांप पहुंच सकते हैं। अन्य जीवों की तरह सांप भी अपने ही मांद में रहते हैं।

कैसे गुजरता था नीना का दिन?

कुटीना ने लिखा कि कुदरत ने हमें बारिश के रूप में सबसे अच्छी चीज दी है। बारिश में एक आरामदायक जगह पर रहना शक्ति, स्वास्थ्य और आनंद देता है। मगर एक बार बुराई फिर जीत गई है, लेकिन हम आजादी से भरे आप सभी के लिए एक अच्छे जीवन की कामना करती हूं। जानकारी के मुताबिक गुफा के अंदर नीना पूजा-पाठ, ध्यान, चित्रकारी और नूडल्स खाकर जीवन बिता रही थीं। 

गुफा में क्या-क्या मिला?

गुफा के अंदर रूसी किताबें, हिंदू देवी-देवताओं की फोटो और रुद्र की मूर्ति मिली है। बारिश के मौसम में नीना और उसके बच्चे कम कपड़ों में रहते थे। अधिकारियों के मुताबिक उनके पास मोमबत्तियां मिली हैं। मगर नीना इनका इस्तेमाल बेहद कम करती थी। उत्तर कन्नड़ जिले के पुलिस अधीक्षक एम नारायण का कहना है कि नीना ने पर्याप्त किराने का सामान जुटा रखा था। सभी प्लास्टिक की चादरों पर सोते थे।

'सांप हमारे दोस्त'

गोकर्ण पुलिस के उपनिरीक्षक श्रीधर एसआर का कहना है कि जब नीना को गुफा के आसपास सांपों के खतरे के बारे में बताया तो उसने कहा कि सांप हमारे दोस्त हैं। जब तक हम उन्हें परेशान नहीं करते हैं तब तक सांप हमें नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।

 

यह भी पढ़ें: कनाडा में रथ यात्रा पर फेंके गए अंडे, भारत बोला- दोषियों पर ऐक्शन हो

 

कौन है बच्चियों का पिता? नीना ने नहीं बताया

नीना ने खुलासा किया कि गोकर्ण की गुफा में वह पहले भी कई बार रुक चुकी है। साल 2018 में नेपाल भी गई। उनकी दोनों बेटियों का जन्म भारत में हुआ है। एक की उम्र चार साल और दूसरे की छह साल है। नीना का कहना है कि गुफा में रुकना मानसिक शांति देता है। जंगल में ध्यान लगाना और पूजा करना पसंद है। बच्चों के पिता के बारे में पूछने पर नीना ने कहा कि वह उनके बारे में कोई बात नहीं करना चाहती है।

क्या है पूरा मामला?

11 जुलाई को कर्नाटक के उत्तर कन्नड जिले के कुमता तालुक के पास रामतीर्थ की पहाड़ियों में स्थित गुफा से रूसी महिला और उसके दो बच्चियों को बचाया गया था। 40 वर्षीय रूसी महिला नीना कुटीनी उर्फ मोही अपनी दो बेटियों के साथ वहां ठहरी थी। नीना को हिंदू धर्म और भारतीय आध्यात्म से गहरा लगाव है। भूस्खलन के बाद पुलिस इलाके में गश्त कर रही थी। तभी टीम की नजर गुफा के बाहर सूखने की खातिर लटके कपड़ों पर पड़ी। बिजनेस वीजा पर भारत आने वाली नीना का वीजा 2017 में ही समाप्त हो चुका है। अब उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Related Topic:#karnataka

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap