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पश्चिम बंगाल से केरल तक, कैसे हो रहा SIR? समझिए सब

पश्चिम बंगाल में 70 लाख से ज्यादा लोगों को वोटिंग फॉर्म बांटे जा चुके हैं। केरल में भी SIR की शुरुआत हो चुकी है। अब तक देश के किन-किन राज्यों तक चुनाव आयोग के अधिकारी पहुंचे हैं, विवाद क्या है, आइए जानते हैं।

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छत्तीसगढ़ में SIR के लिए पहुंचे BL0 (Photo Credit: Khabargaon)

पश्चिम पश्चिम में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और तृणमूल कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ी है। तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी और चुनाव आयोग के इशारे पर पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक वोटों में हेरफेर करने की तैयारी हो रही है। सत्तारूढ़ दल के आरोपों के बीच पश्चिम बंगाल में 70 लाख से ज्यादा लोगों तक 'वोटर फॉर्म' बांटा जा चुका है। SIR की प्रक्रिया केरल में भी शुरू हो चुकी है।

पश्चिम बंगाल में SIR की प्रक्रिया में 80 हजार से ज्यादा बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को तैनात किया गया है। BLO घर-घर जाकर लोगों को वोटर फॉर्म सौंप रहे हैं और उनसे जानकारी हासिल की है। पहले दिन ही बड़े पैमानों पर लोगों ने इस प्रक्रिया में हिस्सा लिया। अब यह प्रक्रिया 4 दिसंबर तक जारी रहेगी। 

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SIR की प्रक्रिया समझिए 

चुनाव आयोग ने कहा है कि 70 लाख वोटर फॉर्म कार्यकर्ताओं को दिए गए हैं। पूरे राज्य में वोटर जाएंगे और उनसे चुनाव संबंधित जानकारियां हासिल करेंगे। अगर कोई वोटर घर पर नहीं मिलेगा तो 2 बार और अधिकारी घर-घर जाएंगे और संपर्क करेंगे। 

चुनाव आयोग ने कहा है कि BLO की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात किया गया है। बुधवार को कोई आपत्तिजनक खबर सामने नहीं आया है। अगर किसी BLO के साथ अभद्रता होती है, जिला चुनाव अधिकारी (DEO) को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी।  

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क्या तैयारी है?

अब तक बिहार में 7.66 करोड़ वोटर फॉर्म को तैयार कर लिया गया है। हर वोटर को 2 कॉपी दी जा रही है। BLO के दोनों दस्तावेजों पर हस्ताक्षर अनिवार्य हैं। पश्चिम बंगाल में 23 साल बाद SIR हो रहा है। साल 2002 में आखिरी बार SIR हुआ था। 

केरल में कैसे हो रहा SIR?

केरल में भी SIR की प्रक्रिया जारी है। केरल के मुख्य चुनाव अधिकारी रतन केलकर ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि SIR की प्रक्रिया और आने वाले निकाय चुनाव दोनों काम साथ होंगे। CEO कार्यालय ने बुधवार को बताया कि SIR शुरू होते समय ही फैसला लिया गया था कि बूथ लेवल ऑफिसर को स्थानीय चुनाव से जुड़ा कोई काम नहीं सौंपा जाएगा। 

स्थानीय चुनाव में लगे कर्मचारियों को एसआईआर के दौरान बीएलओ का काम नहीं दिया जाएगा। अगर कोई कर्मचारी दोनों काम कर रहा है तो उसे चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार दूसरे अधिकारी से बदल दिया जाएगा।

जिला कलेक्टरों को कहा गया है कि SIR को समय पर और सफलतापूर्वक पूरा करें। मंगलवार को SIR के लिए BLO घर-घर पहुंचे थे।  की घर-घर जाकर गणना शुरू हुई। पहले दिन ही राज्य भर में 2.07 लाख से ज्यादा फॉर्म बांटे गए।

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और किन राज्यों में हो रहा है SIR?

अंडमान निकोबार द्वीप समूह, गोवा, पुडुचेरी,छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और तेलंगाना में SIR हो रहा है। 

 

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