भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और उत्तर प्रदेश काडर की अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल हमेशा किसी न किसी वजह से चर्चा में बनी रहती हैं। कभी बालू माफियाओं पर कार्रवाई के लिए तो कभी मस्जिद की दीवार गिराने को लेकर। अभी फिलहाल खबर में आने का कारण यह है कि दुर्गा शक्ति नागपाल से भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने सरकारी बंगले पर लगभग तीन साल कब्जा रखने की वजह से 1.63 करोड़ रुपये का हर्जाना मांग लिया है।
अब लखीमपुर खीरी की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने आवंटन खत्म होने के बावजूद बंगला खाली नहीं किया था। उस समय उन्होंने माता-पिता के इलाज का हवाला दिया था। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दुर्गा शक्ति नागपाल ने हर्जाने की रकम की माफी के लिए आग्रह किया है, जो कि विचाराधीन है।
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बंगला कब हुआ था आवंटित?
दुर्गा शक्ति नागपाल को यह बंगला 2015 में दिया गया था जब वह तत्कालीन कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह की OSD नियुक्त हुई थीं। वह इस बंगले का 6000 रुपये महीने का किराया और वाटर टैक्स भी जमा कर रही थीं। फिर मई 2019 में उनकी प्रतिनियुक्ति खत्म हो गई। ऐसा बताया गया कि वाणिज्य मंत्रालय और 2021 में यूपी वापस लौटने के बाद भी उन्होंने घर खाली नहीं किया। इस बीच IARI लगातार घर खाली करने के लिए उन्हें नोटिस भेजता रहा। अंत में संस्थान को दिल्ली पुलिस की मदद लेनी पड़ी जिसके बाद फरवरी 2025 में उन्होंने घर खाली किया।
घर खाली क्यों नहीं किया?
रिपोर्ट के मुताबिक, अपने माता-पिता की खराब तबीयत का हवाला देते हुए उन्होंने घर खाली नहीं किया था। उन्होंने कहा, 'मेरे पिता की बाईपास सर्जरी और मां के घुटने के ऑपरेशन के चलते बंगला खाली करने में देरी हुई। मंत्रालय से घर खाली करने के लिए समय मांगा था, जो मिल भी गया था। मैंने घर का किराया भी जमा किया था। इसके बावजूद कागजी कार्रवाइयों की वजह से मेरे ऊपर भारी जुर्माना लगाया गया है। मैंने इसको लेकर माफ किए जाने का अनुरोध किया है जो अभी विचाराधीन है।'
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कौन हैं दुर्गा शक्ति नागपाल?
दुर्गा शक्ति नागपाल 2010 बैच की IAS अफसर हैं। 2013 में उन्होंने समाजवादी पार्टी की सरकार के समय बालू माफियाओं पर कार्रवाई की थी। बाद में एक मस्जिद की दीवार गिराने को लेकर सस्पेंड किया गया था। जब अपने पति के साथ अखिलेश यादव से मिलने गई तभी उनका सस्पेंशन खत्म हुआ। अभी फिलहाल वह लखीमपुर खीरी की जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं और उनके पति अभिषेक सिंह सिविल सर्विस छोड़कर समाज सेवा और राजनीति में सक्रिय हैं।