विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति बिगड़ने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने विदेश मंत्रालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के साथ ही पाकिस्तान के साथ स्थिति बिगाड़नी शुरू हो गई थी।
विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत का हमारा रुख स्थिति को बिगाड़ने का नहीं रहा है। भारत ने केवल 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक आतंकवाद के केंद्र के रूप में पाकिस्तान की पहचान दुनिया भर में हुए अलग-अलग आतंकवादी हमलों में मौजूद है।
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आतंकवादी बुनियादी ढांचे तक सीमित थी कार्रवाई
विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान ने दशकों तक भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दिया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी गोलीबारी का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई से आम लोग प्रभावित हो रहे हैं। मिसरी ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में कहा कि भारत की बुधवार की कार्रवाई संयमित थी और यह आतंकवादी बुनियादी ढांचे तक ही सीमित थी।
टीआरएफ को लेकर UN में झूठ बोला
उन्होंने सिंधु जल संधि पर कहा कि पाकिस्तान सालों से जानबूझकर अड़चनें पैदा कर रहा था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) की भूमिका का जिक्र करने का विरोध किया, जबकि टीआरएफ ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी पहले ही ले ली थी।
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साथ ही उन्होंने कहा कि सिंधु वाटर समझौते को लेकर साफ किया की पाकिस्तान के आतंकी रवैए और संबंधों को तार-तार करने की वजह से यह ट्रीटी खटाई में गई है और इसके लिए सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान ही जिम्मेदार है।
जन्म से ही झूठ बोलता है पाकिस्तान
विदेश सचिव ने पाकिस्तान के इस समय किए जा रहे दुष्प्रचार पर भी जवाब दिया। पाकिस्तान के उस दावे पर कि उसने भारतीय विमानों को मार गिराया, विक्रम मिस्री ने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। आखिरकार, पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जिसमें जन्म के साथ ही झूठ बोलना शुरू हो गया था। 1947 में, जब पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर पर दावा किया, तो उन्होंने किसी अनजान व्यक्ति से नहीं, बल्कि संयुक्त राष्ट्र से झूठ बोला कि हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए झूठ बोलने की यात्रा 75 साल पहले शुरू हुई थी।'