logo

ट्रेंडिंग:

'सिर्फ देखो, पोस्ट मत करो', सेना के जवानों के लिए आई नई सोशल मीडिया पॉलिसी

सेना ने इन्स्टाग्राम और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लेकर नए नियम जारी किए हैं। अब सेना के जवानों को इनका प्रयोग करते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।

army jawan using social media

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: AI Generated

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

भारतीय सेना ने अपनी सोशल मीडिया नीति में बड़ा बदलाव किया है। अब सैनिकों और अधिकारियों को इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है, लेकिन सिर्फ देखने और मॉनीटरिंग करने के लिए। पोस्ट करना, लाइक करना, कमेंट करना या कोई भी इंटरैक्शन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यह नियम इंस्टाग्राम के अलावा यूट्यूब और एक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर भी लागू हैं। इन पर भी सिर्फ देखने की अनुमति है। सेना ने सभी यूनिट्स और विभागों को यह निर्देश जारी कर दिए हैं।

 

नए नियम के मुताबिक, यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि सैनिक सोशल मीडिया पर मौजूद जानकारी को देखकर खुद को जागरूक रख सकें और जरूरी सूचनाएं इकट्ठा कर सकें। सेना ने इसे ‘पैसिव पार्टिसिपेशन’ यानी निष्क्रिय भागीदारी कहा है। किसी भी तरह की सक्रिय भागीदारी यानी कि ऐक्टिव पार्टिसिपेशन की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, अगर कोई सैनिक फेक या गुमराह करने वाली पोस्ट देखता है, तो वह इसे  अपने सीनियर अधिकारियों को रिपोर्ट कर सकता है।

 

यह भी पढ़ें: नाक तोड़ी, जबड़े पर फ्रैक्चर; इमरान के सहयोगी पर क्या ARMY ने कराया हमला?

क्या थी पुरानी पॉलिसी?

पहले सेना सोशल मीडिया पर सख्त नियम लागू करती रही है। सुरक्षा कारणों से कई प्रतिबंध लगाए गए थे। कुछ मामलों में विदेशी एजेंसियां सैनिकों को ‘हनी ट्रैप’ में फंसाकर संवेदनशील जानकारी लीक करवा चुकी हैं। इसलिए 2019 तक सैनिकों को किसी सोशल मीडिया ग्रुप में शामिल होने की मनाही थी। 2020 में सोशल मीडिया के दुरुपयोग के कई मामलों के बाद सेना ने और सख्ती की और सैनिकों को फेसबुक, इंस्टाग्राम सहित 89 ऐप्स डिलीट करने का आदेश दिया था।

 

 फिर भी, सेना ने कुछ प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, यूट्यूब, एक्स, लिंक्डइन, क्वोरा, टेलीग्राम और व्हाट्सएप का इस्तेमाल अनुमति दी है, लेकिन सख्त नियमों और मॉनीटरिंग के साथ। सेना के अपने आधिकारिक अकाउंट्स हैं, जो सूचना देने का मुख्य स्रोत रहते हैं। उदाहरण के लिए, हाल की ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना के आधिकारिक हैंडल ही विश्वसनीय जानकारी का स्रोत थे।

सेना प्रमुख की राय

हाल ही में चाणक्य डिफेंस डायलॉग में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोशल मीडिया पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी (जेन ज़ी) सेना में शामिल होना चाहती है, लेकिन सोशल मीडिया से दूर रहना मुश्किल लगता है। जनरल द्विवेदी ने बताया कि स्मार्टफोन आज जरूरी है। सैनिक दूर रहकर भी परिवार से जुड़े रहते हैं।

 

यह भी पढ़ें: बांग्लादेश लौटे तारिक रहमान, शेख हसीना की अवामी लीग के चुनाव लड़ने पर लग गया बैन

 

लेकिन उन्होंने साफ कहा कि सोशल मीडिया पर पोस्ट करने या तुरंत जवाब देने (रिएक्ट करने) के बजाय सोच-समझकर जवाब देना (रिस्पॉन्ड करना) चाहिए। सेना सैनिकों को सिर्फ देखने की अनुमति देती है, ताकि वे जल्दबाजी में कुछ गलत न करें। ‘रिएक्ट मत करो, रिस्पॉन्ड करो’।

Related Topic:#Indian Army

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap