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आपदा में अवसर! इंडिगो संकट के बीच 90,000 तक पहुंचा हवाई किराया

इंडिगो में जारी संकट के बीच अब मुनाफाखोरी भी होने लगी है। कई जगहों का किराया 90 हजार रुपये तक पहुंच गया है।

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एयरपोर्ट के बाहर खड़े यात्री। (Photo Credit: PTI)

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देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो का संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। शुक्रवार को भी एक हजार से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं। इंडिगो में जारी संकट के बीच हवाई टिकट का किराया आसमान छूने लगा है। जिन जगहों पर जाने के लिए पहले 8 से 10 हजार रुपये का किराया लगता था, अब वहीं जाने के लिए 80 से 90 हजार किराया लग रहा है। 


स्पाइसजेट की कोलकाता-मुंबई जाने वाली फ्लाइट का एक तरफ का किराया 90 हजार रुपये तक हो गया है। इसी तरह एयर इंडिया की मुंबई-भुवनेश्वर फ्लाइट की टिकट 84,485 रुपये में मिल रही है। कई दूसरे रूट्स पर भी यह ट्रेंड देखने को मिल रहा है।


फ्लाइट ड्यूटी को लेकर नए नियमों के लागू होने के बाद से इंडिगो की उड़ानें रद्द हो रही हैं या डिले हो रही हैं। शुक्रवार को डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने इन नियमों को वापस ले लिया है लेकिन हालात पूरी तरह से ठीक होने में अभी कुछ समय लग सकता है। शुक्रवार को इंडिगो की एक हजार से ज्यादा उड़ानें रद्द हो गईं। इसके बाद दूसरी एयरलाइन कंपनियों ने अपना किराया दो से तीन गुना तक बढ़ा दिया है।

 

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2-3 गुना या उससे ज्यादा लग रहा किराया!

ट्रैवल इंडस्ट्री से जुड़े एक एक्जीक्यूटिव ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा कि इंडिगो की फ्लाइट कैंसिल होने के कारण हवाई किराया सामान्य से 3 से 4 गुना तक बढ़ गया है।


उन्होंने कहा, 'हालात ऐसे हैं कि जब आप फ्लाइट बुक करते हैं तो आप यह अंदाजा नहीं लगा सकते कि टिकट की कीमतें क्या होंगी? यह नॉर्मल किराये की रेंज से दो गुना, तीन गुना या उससे भी ज्यादा हो सकती हैं।'


एक सूत्र ने PTI से कहा, 'आखिरी मिनट में किराया आमतौर पर सामान्य से 2-3 गुना तक बढ़ जाता है लेकिन इस स्थिति में हमने इसे 6 गुना तक बढ़ते देखा है।'

 

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क्या यह ब्लैक मार्केटिंग है?

नोमैड ट्रैवल के सीईओ और ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अजय प्रकाश ने कहा, 'अगर किसी भी जगह 10 हजार रुपये का टिकट 60 हजार में बेचा जा रहा है तो मैं इसे ब्लैक मार्केटिंग और मुनाफाखोरी कहूंगा। इसलिए इस पर ध्यान देने की जरूरत है।'


उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सिविल एविएशन का बिजनेस सिर्फ पैसा कमाने के लिए है। उन्होंने कहा कि जहां एक एयरलाइन का मार्केट 64-65 मार्केट शेयर हो, वह मोनोपोली जैसा ही है। उन्होंने इस तरह के संकट के समय में किराये को बढ़ने से रोकने के लिए कैप लगाने की वकालत की है।


दिल्ली के स्टिक ट्रैवल के फाउंडर और इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (IATO) के पूर्व अध्यक्ष सुभाष गोयल ने कहा कि 'मैंने सिविल एविएशन मिनिस्ट्री को लिखा है कि हवाई किराये पर कैपिंग होनी चाहिए, जैसा कोविड के दौरान था।'

 

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हालात सामान्य होने में कितना समय?

इस हफ्ते इंडिगो की हजारों उड़ानें रद्द हुईं हैं। ज्यादातर उड़ानें 12-12 घंटे की देरी से आईं। शुक्रवार को DGCA ने नियमों में राहत दे दी लेकिन हालात पूरी तरह सामान्य होने में अभी 10 दिन और लग सकते हैं।


इंडिगो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी है। हर दिन इंडिगो की लगभग 2,300 फ्लाइट्स उड़ान भरती हैं। शुक्रवार को एक हजार से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं। इसका मतलब हुआ कि इंडिगो की लगभग हर दूसरी उड़ान रद्द हो गई। 


इस संकट के बीच इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने शुक्रवार को कहा कि 10 से 15 दिसंबर के बीच हालात सामान्य होने की उम्मीद है। 


उन्होंने कहा, 'अफसोस की बात है कि पिछले कुछ दिनों के पहले के उपाय काफी साबित नहीं हुए हैं। इसलिए हमने आज अपने सभी सिस्टम और शेड्यूल को रीबूट करने का फैसला किया, जिससे अब तक की सबसे ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं लेकिन कल से धीरे-धीरे सुधार होगा।' उन्होंने कहा कि शनिवार से कैंसिलेशन की संख्या एक हजार से कम होगी।

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