अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। कार्यकारी आदेश के मुताबिक भारत पर नई टैरिफ दर 27 अगस्त से लागू होगी। डोनाल्ड ट्रंप की इस आक्रामक नीति के कारण भारत और अमेरिका के संबंध सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं। न केवल टैरिफ बल्कि बात-बात पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का जिक्र करके ट्रंप ने रिश्तों में खटास खुद लाई है। ट्रंप यह कदम तब उठा रहे हैं, जब उनके भारत के साथ व्यापक व्यापारिक संबंध हैं।
मुंबई से गुरुग्राम और नोएडा से कोलकाता तक उनके परिवार का बिजनेस फैला है। भारत के खिलाफ कड़ा रुख अपना कर ट्रंप भले ही अपने समर्थकों को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि वह बेहद सख्त नेता हैं, लेकिन आज आपको एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं, जब डोनाल्ड ट्रंप का बेटा भारत के एक मुख्यमंत्री के सामने गिड़गिड़ाने लगा था।
डोनाल्ड ट्रंप के परिवार की कंपनी ट्रंप ऑर्गनाइजेशन मुंबई में एक आलीशन गगनचुंबी इमारत बनाना चाहती थी। उसने साल 2011 में भारतीय कंपनी डेवलपर रोहन लाइफस्केप्स से एक समझौता किया। मगर दिसंबर 2011 में बॉम्बे नगर निगम ने एक नोटिस जारी किया। नतीजा यह हुआ कि इमारत का काम ठप हो गया। आरोप था कि इमारत अनियमित तरीके से बनाई जा रही है।
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महाराष्ट्र सरकार ने क्या दावा किया था?
महाराष्ट्र सरकार का दावा था कि इमारत एक प्रस्तावित फ्री-वे से ओवरलैप हो रही थी। इसके बावजूद भी नगर निगम के अधिकारियों ने भवन निर्माण प्लान को हरी झंडी दी थी। इमारत में बनने वाले अपार्टमेंट का साइज भी मुंबई जोनिंग प्रतिबंधों के तहत अनुमति सीमा से अधिक था। सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक उस वक्त रोहन लाइफस्केप्स ने भी यह बात मानी थी कि अनुमति सीमा से अधिक निर्माण किया गया था।
जब सीएम को नहीं मना पाए ट्रंप के बेटे
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक प्रोजेक्ट पर सरकार की सख्ती के बाद डोनाल्ड ट्रंप के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने मुंबई की यात्रा की थी। यहां उन्होंने महाराष्ट्र के तत्कालीन सीएम पृथ्वीराज चव्हाण से मुलाकात की। ट्रंप जूनियर ने चव्हाण से प्रोजेक्ट में दखल देने और आगे बढ़ाने की खातिर मनाते रहे, लेकिन बात नहीं बनी।
उस वक्त न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में पृथ्वीराज चव्हाण ने मुलाकात के बारे में बताया था कि डोनाल्ड जूनियर और रोहन लाइफस्केप्स के हरेश मेहता कुछ ऐसी रियायत का अनुरोध कर रहे थे, जो नहीं दी जा सकती थी। न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में पृथ्वीराज चव्हाण ने यह भी कहा था, 'डोनाल्ड जूनियर ने सोचा था कि ट्रंप का नाम इतना बड़ा है, हम उन्हें खुश करने के लिए पीछे हट जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।'
निर्माण में देरी के बाद पीछे हटा ट्रंप ऑर्गनाइजेशन
2011 के लाइसेंसिंग समझौते के तहत यह इमारत 45 से 60 मंजिला ऊंची बननी थी। इसमें 4,500 वर्ग फुट के अपार्टमेंट बनने थे। 2011 के दिसंबर महीने में महाराष्ट्र सरकार ने कई अनियमितताओं की वजह से प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी। बाद में प्रोजेक्ट में हो रही देरी के आधार पर ट्रंप ऑर्गनाइजेशन ने भी पीछे हटने का फैसला किया। इसके बाद ट्रंप की कंपनी ने लोढ़ा ग्रुप के साथ नया ट्रंप टावर बनाने का समझौता किया था।
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जर्जर इमारत की जगह बननी थी लग्जरी इमारत
16 जनवरी 2017 को लॉस एंजिल्स टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक यह लग्जरी इमारत 80 साल पुरानी जर्जर बिल्डिंग की जगह पर बननी थी। खास बात यह थी कि ट्रंप की कंपनी इस प्रोजेक्ट में बिजनेस पार्टनर रही। रोहन लाइफस्केप्स को देश के पहले ट्रंप टावर के तौर पर ब्रांडिंग का अधिकार भी बेचा गया था।
कितना बदले ट्रंप?
साल 2014 में अपनी भारत यात्रा के वक्त डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि मैं भारत को उभरती अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि अद्भुत अर्थव्यवस्था मनाता हूं। साल 2016 में उन्होंने भारत के लोगों को अद्भुत बताया और कहा था कि अगर वह राष्ट्रपति होते तो अमेरिका और भारत सबसे अच्छे दोस्त होते थे। मगर दूसरे कार्यकाल में ट्रंप दोस्त से ज्यादा 'दुश्मन' की तरह व्यवहार कर रहे हैं।