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'IB के कहने पर हाफिज सईद से मिला, फिर भी...', यासीन ने बयान पर हंगामा

जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के आतंकी यासीन मलिक ने बड़ा दावा किया है। उसका दावा है कि पाकिस्तान में हाफिज सईद से मुलाकात इसलिए की थी, क्योंकि IB ने उससे ऐसा करने को कहा था।

yasin malik

यासीन मलिक। (Photo Credit: PTI)

टेरर फंडिंग के मामले में जेल में सजा काट रहे आतंकी यासीन मलिक ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर बड़ा दावा किया है। उसने दावा किया है कि लगभग 20 साल पहले जब वह पाकिस्तान में आतंकी हाफिज सईद से मुलाकात करने के बाद भारत लौटा था, तो मनमोहन सिंह ने उससे मुलाकात की थी। उसने दावा किया है कि पाकिस्तान में आतंकियों से मुलाकात इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के कहने पर की थी।


यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का प्रमुख है। वह टेरर फंडिंग के मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। उसने पिछले महीने दिल्ली हाई कोर्ट में दिए हलफनामे में यह दावा किया है। 


हलफनामे में यासीन मलिक ने दावा किया है कि 2006 में पाकिस्तान जाकर उसने हाफिज सईद से मुलाकात की थी। इसके बाद जब वह भारत लौटा तो पीएम मनमोहन सिंह ने उससे मुलाकात की थी। उसका कहना है कि इस मुलाकात के बावजूद उस पर आतंकी का ठप्पा लगाया गया।

 

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IB के कहने पर आतंकियों से मुलाकात

हलफनामे में यासीन मलिक ने कई बड़े दावे किए हैं। उसने दावा किया है कि 2005 में कश्मीर में बड़ा भूकंप आया था। इसके बाद वह पाकिस्तान जाने वाला था और उससे पहले IB के तत्कालीन डायरेक्टर वीके जोशी ने उससे मुलाकात की थी। 


यासीन मलिक ने दावा किया कि वीके जोशी ने उससे कहा था कि सिर्फ पाकिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व ही नहीं, बल्कि आतंकियों से भी मुलाकात करे ताकि शांति बनाई जा सके। मलिक का दावा है कि उससे कहा गया था कि शांति तब तक नहीं हो सकती, जब तक आतंकियों को भी इसमें शामिल नहीं किया जाता।


उसने दावा किया है कि IB के अनुरोध पर वह पाकिस्तान यात्रा के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के अलावा और दूसरे आतंकियों से भी मिला था।

मनमोहन ने किया था धन्यवाद?

हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख है और 26/11 के मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है। यासीन मलिक का दावा है कि हाफिज सईद से मुलाकात के बाद भारत लौटने के बाद उसने पीएम मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी।


मलिक ने दावा किया है कि भारत लौटने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एनके नारायणन के साथ उसकी मीटिंग हुई थी, जिसमें पाकिस्तान यात्रा और आतंकियों से मुलाकात की ब्रीफिंग देनी थी। 

 

उसने दावा करते हुए कहा, 'शांति वार्ता को मजबूत करने के लिए काम करने के बावजूद बाद में मेरी इस मीटिं को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और मुझे आतंकवादी करार दिया गया।' उसने इसे 'क्लासिक धोखाधड़ी' का मामला बताया है।

 

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'सजा-ए-मौत भी दी तो भी तैयार'

यासीन मलिक ने आरोप लगाया है कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद 2006 की उस मीटिंग को गलत दिखाया गया और उसके खिलाफ लगे UAPA को सही ठहराया गया।


उसका कहना है कि 2006 में उसने खुलेआम बातचीत की थी और भारत की टॉप लीडरशिप को रिपोर्ट दी थ। उसने हलफनामे में यह भी कहा कि अगर उसे सजा-ए-मौत भी मिलती है तो भी वह उसके लिए तैयार है। 


उसने कहा, 'अगर मेरी मौत से कुछ लोगों को राहत मिलती है तो ऐसा ही हो। मैं मुस्कुराते हुए जाउंगा लेकिन मेरे चेहरे पर गर्व और सम्मान होगा।' 


मलिक ने अपनी तुलना आतंकी मकबूल भट से की जिसे 1984 में फांसी दे दी गई थी। उसने मौत को अपने संघर्ष का 'आखिरी पड़ाव' बताया और शेक्सपियर के कोट का हवाला दिया। उसने शेक्सपियर के उस कोट का इस्तेमाल किया, जिसमें उन्होंने कहा था, 'मौत के लिए पूरी तरह से तैयार रहो क्योंकि मौत या जिंदगी, दोनों में से एक ज्यादा मधुर होगी।'

 

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NIA ने फांसी की सजा की मांग की

यासीन मलिक को 2022 में टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराया गया था। उसे UAPA के तहत दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।


ट्रायल कोर्ट के इस फैसले को NIA ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। NIA ने यासीन मलिक की सजा को बढ़ाकर फांसी की सजा देने की मांग की है। NIA ने यासीन मलिक और हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन और शब्बीर शाह सहित कई लोगों पर कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया है। 


यासीन मलिक के JKLF को भी UAPA के तहत आतंकी संगठन घोषित किया गया है। उस पर हाल ही में प्रतिबंध को 5 साल के लिए बढ़ाया गया है।

बीजेपी ने कांग्रेस पर उठाया सवाल

यासीन मलिक के दावे पर अब हंगामा शुरू हो गया है। बीजेपी ने कांग्रेस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा, 'यासीन मलिक के हलफनामे से साफ हो गया है कि कई निर्दोष लोगों का हत्यारा यासीन मलिक कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के इशारे पर भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों के साथ बातचीत कर रहा था।'

 


उन्होंने कहा, '2004 से 2014 तक यूपीए सरकार ने आतंकवादियों के रेड कार्पेट और फोटोशूट की व्यवस्था की थी। मोदी सरकार में वे सभी आतंकी जेल में सड़ रहे और अपने गुनाहों की सजा भुगत रहे हैं।'


तरुण चुघ ने कहा कि 'राहुल गांधी बताएं कि जम्मू-कश्मीर और देशभऱ में हुई बड़ी आतंकवादी घटनाओं को लेकर आपकी पार्टी पर्दे के पीछे से क्या खेल खेल रही थी।'

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