जस्टिस जॉयबाला बागची ने आज सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ली है। सोमवार को चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने उन्हें शपथ दिलाई। 6 मार्च को कोलिजियम से उनके नाम की पुष्टि होने के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने को मंजूरी दे दी थी। वरिष्ठता के हिसाब से देखा जाए तो जस्टिस जॉयमाल्या बागची साल 2031 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बनेंगे। हालांकि, वह इस पद पर सिर्फ 4 महीने तक ही रह पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट आने से पहले जस्टिस बागची आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट और कलकत्ता हाई कोर्ट में जज रहे हैं।
जस्टिस जॉयमाल्या बागची के नाम की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने की है। इस कॉलेजियम में चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के अलावा, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस सूर्य कांत, जस्टिस, अभय एस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ शामिल हैं। इस कॉलेजियम ने जस्टिस बागची के नाम की सिफारिश 6 मार्च को की थी जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी थी। उनकी नियुक्ति के साथ अब सुप्रीम कोर्ट में 33 जज हो गए हैं जबिक कुल जजों की संख्या 34 है।
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2025 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने जॉयमाल्या बागची अक्तूबर 2031 तक देश की सर्वोच्च अदालत में फैसले सुनाएंगे। वरिष्ठता क्रम के हिसाब से वह मई 2031 में चीफ जस्टिस बनेंगे और 2 अक्तूबर 2031 को रिटायर हो जाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जस्टिस बागची के अनुभव, वरिष्ठता और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के साथ-साथ उनकी प्रतिबद्धता और निष्पक्षता को ध्यान में रखते हुए उनका नाम आगे बढ़ाया था।
कौन हैं जस्टिस जॉयमाल्या बागची?
सुप्रीम कोर्ट में जज बनने से पहले जस्टिस बागजी कई हाई कोर्ट के जज रहे हैं। उन्होंने जून 2011 में कलकत्ता हाई कोर्ट में जज के तौर पर अपनी इस पारी की शुरुआत की थी। जनवरी 2021 में उनका ट्रांसफर आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में कर दिया गया था। नवंबर 2021 में वह फिर से कलकत्ता हाई कोर्ट लौट आए। जज के रूप में लगभग 13 साल तक काम करने वाले जस्टिस बागची को अलग-अलग तरह के मामलों का अनुभव है।
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एक और रोचक बात यह है कि साल 2013 में जस्टिस अल्तमस कबीर के रिटायर होने के बाद से लेकर अब तक कलकत्ता हाई कोर्ट का कोई भी जज सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस नहीं बन पाया है। ऐसे में जॉयमाल्या बागची के आने से यह कमी भी पूरी हो जाएगी। साल 2031 में 25 मई को जस्टिस के वी विश्वनाथन रिटायर होंगे और उनकी जगह पर जस्टिस जॉयमाल्या बागची चीफ जस्टिस बनेंगे।
मौजूदा समय में सुप्रीम कोर्ट में कुल 32 जज थे, जस्टिस बागची के आने से यह संख्या 33 हो गई है जबकि अधिकतम 34 जज हो सकते हैं। रोचक बात यह है कि मौजूदा समय में सुप्रीम कोर्ट के 32 में सिर्फ एक जज यानी जस्टिस दीपांकर दत्ता ऐसे हैं जो कलकत्ता हाई कोर्ट से आए हैं। अब जस्टिस बागची दूसरे हो गए हैं।