पहलगाम अटैक के बाद बाहरी राज्यों में काम कर रहे कश्मीरियों पर भी कथित तौर पर हमले बढ़ गए हैं। हाल ही में मसूरी में दो कश्मीरी कामगारों पर हमले के बाद अब वहां से कश्मीरी लौट रहे हैं। पुलिस ने बताया कि दो वेंडर पर कथित हमले के बाद शॉल बेचने वाले कम से कम 16 कश्मीरी मसूरी छोड़कर चले गए हैं। पुलिस ने बताया कि दो वेंडर पर हमले के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में मसूरी के एक पुलिस ऑफिसर के हवाले से बताया है कि मॉल रोड पर कश्मीरी शॉल और कपड़े बेचने वाले दो लोगों पर कुछ लोगों ने हमला किया और उन्हें वापस चले जाने को कहा। इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें लोग कश्मीरियों को गाली देते सुनाई दे रहे हैं और उनके साथ मारपीट कर रहे हैं।
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कुपवाड़ा के रहने वाले शब्बीर अहमद डार ने अखबार को बताया कि वह 18 साल से कश्मीरी शॉल और कपड़े बेचने के लिए मसूरी आ रहे हैं। डार ने कहा, 'हम सर्दियों में देहरादून और गर्मियों में मसूरी जाते हैं। हम मस्जिद के पास रहते हैं और स्थानीय लोगों को लंबे समय से जानते हैं। हमारे साथ मारपीट करने वाले भी इसी इलाके के थे और उन्होंने हमें पहले भी देखा है। हमारे लिए कोई खड़ा नहीं हुआ। कश्मीर में दूसरे राज्यों से आए कई मजदूर हैं लेकिन हमने कभी किसी के साथ गलत बर्ताव नहीं किया।'
अहमद डार ने आगे दावा किया कि उसी रात एक पुलिसकर्मी उनके घर आया और कहा कि वह उनकी मदद नहीं कर सकता और हमारे लिए यहां से चला जाना ही बेहतर है।
हालांकि, पुलिस का कहना है कि उन्होंने सभी लोगों को जाने के लिए नहीं कहा था, बल्कि उन लोगों को सलाह दी थी जिन्होंने पुलिस के सामने अपना रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन नहीं करवाया था। इस बीच पुलिस ने बाहर से आए दुकानदारों, किरायेदारों और वेंडर्स की पहचान के लिए रजिस्ट्रेशन कैंपेन चला रही है।
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अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि उसी रात अहमद डार के साथ 15 वेंडर्स भी देहरादून के लिए रवाना हुए, जम्मू के लिए बस ली और अपने घर चले गए। डार के साथ ही रहने वाले जावेद अहमद ने दावा किया कि उन्हें 12 लाख का सामान छोड़कर लौटना पड़ रहा है। अहमद ने कहा, 'हमें नहीं पता कि हम अब कब वापस आएंगे लेकिन हमारा सारा माल वहीं है। हमारे पिता भी कभी यहां सामान बेचते थे लेकिन उन्हें कभी इस तरह की धमकियों और हमलों का सामना नहीं करना पड़ा।'
इस बीच एक पुलिस अफसर ने बताया कि कुछ दिन पहले करणी सेना ने कश्मीरियों के खिलाफ रैली निकाली थी। हालांकि, उनसे सख्ती से निपटा गया था।