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मणिपुर में मुसलमानों, ईसाइयों को उकसा रहा था खालिस्तानी संगठन: रिपोर्ट

एक रिपोर्ट के मुताबिक गुरपतवंत सिंह पन्नू के नेतृत्व वाले संगठन ने मणिपुर में मुसलमानों, तमिलों और ईसाइयों को भारत से अलग होने के लिए उकसाया था।

Representational Image । Photo Credit: PTI

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: PTI

खुफिया एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए एक बैकग्राउंड नोट के अनुसार, गुरपतवंत सिंह पन्नू के नेतृत्व वाले एक प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन, जिसे जुलाई 2020 में भारत द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया था, पर मणिपुर में मुसलमानों, तमिलों और ईसाइयों को भारत से अलग होने के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। इस नोट को गृह मंत्रालय के ट्रिब्यूनल ऑर्डर में शामिल किया गया था, जिसे हाल ही में सार्वजनिक किया गया।

 

गृह मंत्रालय ने अलगावादी एक्टिविटी का हवाला देते हुए सिख फॉर जस्टिस के लिए और पांच साल के लिए बैन को बढ़ा दिया था। खुफिया नोट में कहा गया है कि एसएफजे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के खिलाफ धमकियों सहित आतंकवादी कृत्यों की योजना बनाई थी। 

क्या है खुफिया नोट में

खुफिया नोट में कहा गया है, 'अल्पसंख्यक समुदायों को दूसरे समुदायों के खिलाफ भड़काकर सांप्रदायिक आधार पर लोगों को बांटना एसएफजे के लिए अपने भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने का एक प्रमुख साधन बन गया है।' 

 

आगे आरोप लगाया गया है कि समूह 'मणिपुर में ईसाई समुदाय को 'अलग देश' के लिए अपनी आवाज उठाने के लिए उकसा रहा है,' तमिलों से 'द्रविड़स्तान' को बढ़ावा देने का आग्रह कर रहा है और मुसलमानों से 'अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न' का दावा करके एक स्वतंत्र 'उर्दूस्तान' बनाने का आह्वान कर रहा है।

 

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रिपोर्ट में एसएफजे पर दलित समुदायों तक पहुंचने का भी आरोप लगाया गया है, जिसमें उनसे भारत सरकार द्वारा 'उत्पीड़न' के बहाने अपने अलगाववादी कैंपेन का समर्थन करने का आग्रह किया गया है। इसके अलावा, समूह कथित तौर पर कृषि बिलों को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसानों को भड़काने में शामिल था।

मणिपुर में क्या है स्थिति?

मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय तनाव जारी है, जो भूमि अधिकारों और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को लेकर विवादों से प्रेरित है। जबकि मैतेई मुख्य रूप से हिंदू हैं, कुछ सदस्य ईसाई और मैतेई पंगल (मुस्लिम) समुदायों से संबंधित हैं।

 

कुकी, नागा जैसी अन्य प्रमुख जनजातियों के साथ, बड़े पैमाने पर ईसाई हैं। गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित 39 आतंकवादी संगठनों में से आठ मैतेई समुदाय से संबंधित हैं, जिनमें पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और कांगलेई याओल कानबा लुप (केवाईकेएल) शामिल हैं।

 

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