मसूद अजहर, एक कुख्यात आतंकवादी और जैश-ए-मोहम्मद संगठन का सरगना कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। हाल ही में भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद उसका नाम फिर से चर्चा में आया है।
मसूद अजहर कौन है?
मसूद अजहर का जन्म 10 जुलाई 1968 को पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ था उसके पिता अल्लाह बख्श शब्बीर एक स्कूल प्रिंसिपल थे और परिवार डेयरी-पोल्ट्री के कारोबार से जुड़ा था। मसूद का बचपन सामान्य था लेकिन बड़े होने के साथ-साथ वह कट्टरपंथी विचारधारा की ओर बढ़ गया। उसने कराची के एक मदरसे, बिनूरी मस्जिद में पढ़ाई की, जहां उसकी मुलाकात हरकत-उल-अंसार जैसे आतंकी संगठनों से हुई।
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गुजराती बताकर भारत में घुसा
1994 में मसूद ने जाली पुर्तगाली पासपोर्ट पर खुद को गुजराती व्यापारी 'वली अहमद सईद' बताया और भारत में एंट्री ली। उसका मकसद कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देना और युवाओं को भड़काना था। वह श्रीनगर, अनंतनाग और दिल्ली में सक्रिय रहा लेकिन फरवरी 1994 में अनंतनाग में भारतीय सुरक्षा बलों ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपने इरादों और हरकत-उल-मुजाहिदीन के नेटवर्क का खुलासा किया। जेल में रहते हुए भी वह अपने साथियों के संपर्क में रहा और आतंकी योजनाएं बनाता रहा।

कंधार हाईजैक और रिहाई
1999 में मसूद अजहर की रिहाई के लिए आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 को हाईजैक कर लिया। यह विमान काठमांडू से दिल्ली जा रहा था। आतंकियों ने यात्रियों को बंधक बनाकर भारत सरकार पर दबाव डाला। आखिरकार, भारत को मसूद अजहर सहित तीन आतंकियों को रिहा करना पड़ा। मसूद को कंधार अफगानिस्तान में छोड़ा गया, जहां से वह पाकिस्तानव चला गया।
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जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना और आतंकी हमले
रिहाई के बाद मसूद ने वर्ष 2000 में जैश-ए-मोहम्मद नाम का एक आतंकी संगठन बनाया। यह संगठन भारत के खिलाफ कई बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार रहा, जैसे:
2001 में भारतीय संसद पर हमला, जिसमें 9 लोग मारे गए थे।
2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला, जिसमें 38 लोग मारे गए थे।
2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमला, जिसमें 5 जवान शहीद हुए।
2019 का पुलवामा अटैक जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए।
मसूद का मुख्य अड्डा पाकिस्तान के बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह था, जो जैश का ट्रैनिंग सेंटर और ऑफिस था। यह 15-18 एकड़ में फैला हुआ था और यहां आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी।
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ऑपरेशन सिंदूर: भारत का जवाब
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए। इस हमले का जवाब देने के लिए भारत ने 6-7 मई की रात को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिसमें मसूद अजहर का बहावलपुर स्थित मरकज सुभान अल्लाह भी तबाह हो गया। इस हमले में मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग और 4 करीबी सहयोगी मारे गए। मृतकों में उसकी बड़ी बहन, बहनोई, भांजा, भांजी और परिवार के 5 बच्चे शामिल थे। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि उसकी पत्नी और बेटा भी मारे गए। मसूद ने खुद इस नुकसान की पुष्टि की और कहा, 'काश मैं भी मर जाता।' हालांकि, मसूद के मारे जाने की खबरों की पुष्टि नहीं हुई है और माना जाता है कि वह पाकिस्तानी सेना की सुरक्षा में किसी गुप्त ठिकाने पर छिपा है।

मसूद अजहर का वर्तमान हाल
ऑपरेशन सिंदूर ने मसूद अजहर और जैश-ए-मोहम्मद को बड़ा झटका दिया है। पाकिस्तान में उसके ठिकाने तबाह हो चुके हैं और उसके संगठन की रीढ़ टूट गई है। मसूद को संयुक्त राष्ट्र ने 2019 में वैश्विक आतंकी घोषित किया था और वह भारत की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने साफ कर दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखेगा।
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क्यों चर्चा में है मसूद अजहर?
मसूद अजहर की कहानी इसलिए फिर से चर्चा में है क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर ने न सिर्फ उसके आतंकी नेटवर्क को निशाना बनाया, बल्कि उसके परिवार को भी भारी नुकसान पहुंचाया। यह भारत की नई नीति का प्रतीक है, जो आतंकियों को उनके घर में घुसकर जवाब देने की है। गुजराती बनकर भारत में घुसने की उसकी पुरानी साजिश अब लोग फिर से याद कर रहे हैं, क्योंकि यह दिखाता है कि वह कितना खतरनाक और चालाक है।