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'तमिलनाडु के पैसों से चलता है UP', स्टालिन के मंत्री के बयान पर विवाद

एमके स्टालिन सरकार में मंत्री टीआरबी राजा ने कहा है कि उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु के टैक्स के पैसों से चलता है। उनके इस बयान पर विवाद हो गया है।

TRB Rajaa

मंत्री टीआरबी राजा। Photo Credit (@TRBRajaa)

तमिलनाडु के मंत्री टी.आर.बी राजा ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश को लेकर एक ऐसा बयान दिया, जिससे विवाद खड़ा हो गया है। एमके स्टालिन सरकार में उद्योग मंत्री राजा ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश तमिलनाडु द्वारा केंद्र को दिए गए टैक्स के पैसों से चलता है और यह सच्चाई है।

 

राजा ने कहा, 'उत्तर प्रदेश को पैसा कहां से मिला? क्या यह उका खुद का आंतरिक विकास है? हमने सभी क्षेत्रों में विकास किया है और देश के कुल कारखाना श्रमिकों में से 15 फीसदी तमिलनाडु में हैं।'

 

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11.32 लाख करोड़ का निवेश मिला

उन्होंने आगे कहा, 'तमिलनाडु को लगभग 11.32 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है। पिछले 3-4 सालों में ही लगभग 35 लाख रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं और यह केंद्र सरकार के आंकड़ों और अर्थव्यवस्था में तेजी के अनुसार है।' राजा ने कहा कि जब राष्ट्रीय विकास दर 6-7 फीसदी है, तब तमिलनाडु में 11.19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

'केंद्र सरकार की कोई उदारता नहीं दिखाता'

मंत्री राजा ने कहा, 'उत्तर प्रदेश को मिलने वाला पैसा केंद्र सरकार की कोई उदारता नहीं है, यह तमिलनाडु का पैसा (टैक्स योगदान) है। उत्तर प्रदेश तमिलनाडु के पैसों से अपना जीवन चलाता है और यह सच्चाई है' उन्होंने कहा कि जब तमिलनाडु एक रुपया टैक्स देता है, तो राज्य को बदले में केवल 29 पैसे मिलते हैं और बाकी पैसा कहां जाता है? उन्होंने कहा कि यह उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को जाता है। उन्होंने दावा किया, 'वे हमारे पैसों से आए सरप्लस को लेकर एक झूठी कहानी गढ़ रहे हैं ।'

 

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महिलाओं पर दिया बयान

मंत्री ने तमिलनाडु और देश के अन्य हिस्सों में महिला होने के अंतर पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के राज्यों में एक महिला से आमतौर पर केवल उसके पति की नौकरी के बारे में ही पूछा जाता है। चेन्नई में एक कॉलेज कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, राजा ने कहा कि हालांकि, तमिलनाडु में स्थिति अलग है। अकेले तमिलनाडु में एक महिला से उसकी शैक्षिक उपलब्धियों और उसकी नौकरी के बारे में पूछा जाता है।

 

उन्होंने पेरियार ईवी रामासामी सहित द्रविड़ आंदोलन के नेताओं के काम का जिक्र करते हुए कहा, 'यह रातोंरात नहीं होता, कम से कम तमिलनाडु में तो इसके लिए एक सदी का काम लगा है।' भारत भर में संगठित क्षेत्र में कारखानों में काम करने वाली सभी महिलाओं में से 43 फीसदी तमिलनाडु से हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व करने वाली संख्या है। उन्होंने आगे कहा कि बाकी भारत हमारी महिलाओं को पर्याप्त महत्व नहीं दे रहा है।

 

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