संसद का मॉनसून सत्र सोमवार (21 जुलाई) से पहले शुरू हो रहा है। सत्र शुरू होने से पहले सरकार ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण, पहलगाम आतंकवादी हमला और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'संघर्षविराम' के दावों सहित कई मुद्दे उठाए। इस दौरान सरकार ने सदन के सुचारू संचालन के लिए विपक्षी दलों से सहयोग मांगा।
सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'संसद सत्र शुरू होने से पहले सभी दलों के सदन नेताओं की एक बैठक हुई। इस सत्र में कुल 51 राजनीतिक दल और निर्दलीय सांसद भाग लेंगे। इन 51 दलों के 54 सांसदों ने बैठक में भाग लिया। 40 सांसदों ने अपनी-अपनी पार्टियों की ओर से अपनी राय रखी। यह बैठक बेहद रचनात्मक रही। सभी नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टियों की स्थिति और उन मुद्दों को बताया जिन्हें वे इस सत्र में उठाना चाहते हैं।' रिजिजू ने कहा कि विपक्ष ने अपनी राय रखी। एनडीए, यूपीए (India Alliance) और उनके बीच के दलों ने अपनी राय रखी है। हम इन सभी मुद्दों को संसद में उठाएंगे, क्या चर्चा करनी है और क्या नहीं, यह कार्य मंत्रणा समिति में तय किया जाएगा।
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कांग्रेस ने बैठक में क्या मांग की?
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने बैठक के बाद मीडिया से बात की। गोगोई ने कहा कि कांग्रेस पार्टी डोनाल्ड ट्रंप के दावों और उन चूकों जिसकी वजह से पहलगाम हमला हुआ और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बयान दिए जाने की मांग करती है। सांसद गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यह जिम्मेदारी है कि वह इन प्रमुख मुद्दों पर संसद में बयान दें।
वहीं, सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के बाद कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर, बिहार का मुद्दा, विदेश नीति का मुद्दा। इस सरकार में अनुसूचित जातियों और महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं, और हम ये सभी मुद्दे सदन में उठाएंगे।
AAP ने क्लियर किया अपना रास्ता
आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने सर्वदलीय बैठर से बाहर निकलकर कहा कि उन्होंने बैठक में बिहार में SIR के कथित ‘चुनावी घोटाले’ और भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम कराने में मध्यस्थता संबंधी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे का मुद्दा उठाया। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि इंडिया गठबंधन केवल लोकसभा चुनावों के लिए है और ‘आप’ विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ रही है।
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बीजू जनता दल की बैठक में मांग
बीजू जनता दल (BJD) के सांसद सस्मित पात्रा ने कहा कि राज्यों में कानून-व्यवस्था की विफलता की जिम्मेदारी से केंद्र बच नहीं सकता और संसद में इस पर बहस होनी चाहिए। उन्होंने ओडिशा में एक कॉलेज छात्रा द्वारा आत्मदाह किए जाने और 15 साल की किशोरी को कुछ लोगों द्वारा आग से जलाए जाने की घटनाओं का जिक्र करते हुए यह बात कही। पात्रा ने कहा कि ओडिशा में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है और वहां की भाजपा सरकार असहाय और नाकाम हो गई है।
हिंदी भाषा को लेकर बोली एमसीपी
सर्वदलीय बैठक के बाद, एनसीपी-SCP की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, 'हमने ऑपरेशन सिंदूर, किसानों, महंगाई और बेरोजगारी पर चर्चा की मांग की है। कई सांसदों ने राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ संबंधी बयान पर भी चर्चा की मांग की है। भारत को इन सवालों के जवाब जानने की जरूरत है। अलग-अलग राज्यों में हिंदी भाषा समेत कई मुद्दे हैं।'

केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू और अर्जुन राम मेघवाल ने सरकार का प्रतिनिधित्व किया। कांग्रेस के गौरव गोगोई और जयराम रमेश, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)-शरदचंद्र पवार की सुप्रिया सुले, द्रमुक केटी आर बालू और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई-ए) के नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले बैठक में भाग लेने वाले सांसदों में शामिल रहे।
इससे पहले विपक्षी इंडिया गठबंधन के 24 दलों के प्रमुख नेताओं ने संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले पहलगाम आतंकवादी हमले, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अचानक रोके जाने, भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव के बीच मध्यस्थता संबंधी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे, बिहार में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और कई अन्य मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे।