मध्य प्रदेश में 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप पीने से 20 बच्चों की मौत हो गई है। इस कोल्ड्रिफ को तमिलनाडु की श्रीसन फार्मा बनाती है। इस कंपनी के मालिक एस. रंगनाथन को अब गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उसे देर रात चेन्नई से गिरफ्तार किया और अब उसे छिंदवाड़ा लाया जा रहा है। रंगनाथन को गिरफ्तार करने के लिए SIT की टीम चेन्नई पहुंची थी।
इससे पहले तमिलनाडु सरकार ने भी चेन्नई स्थित कंपनी के मैनुफैक्चरिंग प्लांट को सील कर दिया था। तमिलनाडु सरकार ने फैक्ट्री से कफ सिरप के कई सैंपल भी लिए थे और जांच के बाद बताया था कि यह 'मिलावटी' थे। चेन्नई की यह कंपनी मध्य प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान और पुडुचेरी के अलावा और भी कई जगहों पर 'कोल्ड्रिफ' की सप्लाई करती थी।
जहरीली कफ सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत की जांच के लिए 5 अक्टूबर को एमपी पुलिस ने 7 सदस्यों की SIT बनाई थी। जांच के लिए SIT की टीम चेन्नई पहुंची थी। इसने फैक्ट्री का दौरा भी किया था।
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फार्मा कंपनी का मालिक गिरफ्तार
श्रीसन फार्मा कंपनी के मालिक एस. रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार किया गया है।
छिंदवाड़ा के एसपी अजय पांडे ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि रंगनाथन को देर रात चेन्नई से गिरफ्तार किया गया है। उसे अब चेन्नई कोर्ट में पेश किया जाएगा और फिर छिंदवाड़ा लाया जाएगा।
एमपी पुलिस अब चेन्नई कोर्ट में रंगनाथन को पेश कर उसकी ट्रांजिट रिमांड मांगेगे। जब किसी आरोपी को एक राज्य से दूसरे राज्य लाया जाता है तो उसकी ट्रांजिड रिमांड लेनी होती है।
SIT के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया था कि 'हम मंगलवार रात को यहां पहुंचे थे। रंगनाथन तीन दिन पहले यहां से चला गया था। हम सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच कर रहे हैं।'
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14 साल से कफ सिरप बना रही श्रीसन फार्मा
मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले सामने आने के बाद तमिलनाडु सरकार ने 1 अक्टूबर को 'कोल्ड्रिफ' की बिक्री पर रोक लगा दी थी।
तमिलनाडु सरकार ने कंपनी को सील कर दिया था और यहां से 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप के सैंपल भी लिए थे। जब इनकी जांच की गई तो इसमें खतरनाक केमिकल पाया गया था।
तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एमए सुब्रमण्यम ने बताया था कि कफ सिरप में 'डायएथिलीन ग्लाइकॉल' पाया गया था। कंपनी के कफ सिरफ में इसकी मात्रा 48.6% पाई गई थी।
उन्होंने बताया था कि लाइसेंस मिलने के बाद श्रीसन फार्मा 14 साल से 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप बना रही थी। उन्होंने बताया कि कंपनी कई राज्यों को इस कफ सिरप की सप्लाई कर रही थी। उन्होंने कहा कि ओडिशा और पुडुचेरी में इस दवा की बिक्री पर रोक लगाने की सलाह दी गई है।
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अब तक 20 बच्चों की मौत
एमपी में इस कफ सिरप को पीने से अब तक 20 बच्चों की मौत हो चुकी है। राज्य के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने 7 अक्टूबर को बताया था कि कफ सिरप पीने के बाद किडनी फेल होने से इलाज के दौरान 20 बच्चों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया था कि 5 बच्चों का इलाज अभी भी चल रहा है।
सोमवार को ढाई साल की धानी डेहरिया की मौत हो गई थी। उसके परिजनों ने आरोप लगाया था कि कफ सिरप पीने के बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ गई थी।
इससे पहले सोमवार को एमपी सरकार ने दो ड्रग इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया था। इसके अलावा, फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के डिप्टी डायरेक्टर का ट्रांसफर भी कर दिया। इतना ही नहीं, छिंदवाड़ा के डॉ. प्रवीण सोनी को भी गिरफ्तार किया गया। डॉ. प्रवीण सोनी पर 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप प्रिस्क्राइब करने का आरोप है।
वहीं, इस पूरे मामले की जांच के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने 7 सदस्यों की एक SIT बनाई है। तमिलनाडु की श्रीसन फार्मा के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।