मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीला कफ सिरप पीने से 14 बच्चों की मौत होने के बाद पुलिस ने लापरवाही के आरोप में एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। इस बीच एक दो साल की बच्ची के शव को उसके परिवार की सहमति के बाद पोस्टमॉर्टम के लिए कब्र से निकाला गया है। पुलिस ने जहरीले ‘कफ सिरप’ बनाने वाली कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पुलिस अधिकारियों ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश सरकार ने ‘कोल्ड्रिफ कफ सिरप’ की बिक्री पर बैन लगा दिया है। अधिकारियों ने बताया कि दवा के नमूनों में अत्यधिक जहरीला पदार्थ पाया गया है। जिन बच्चों की मौत हुई है उनमें से दो छिंदवाड़ा शहर से, एक चौरई तहसील से और 11 परासिया उप-संभाग से थे।
यह भी पढ़ें: जुबिन गर्ग केस: CM हिमंत ने कहा- जल्दबाजी न करें, रिपोर्ट आने दें
जिम्मेदार कंपनी का नाम
छिंदवाड़ा के एसपी अजय पांडे ने बताया कि श्रीसन फार्मास्युटिकल्स, कांचीपुरम (तमिलनाडु) द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ को परासिया में 11 बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
यह भी पढ़ें: राजस्थान: डेक्सट्रोमेथॉर्फन बैन, ड्रग कंट्रोलर सस्पेंड, अब आगे क्या?
डॉ. सोनी के खिलाफ केस दर्ज
उन्होंने बताया कि कंपनी और डॉ. प्रवीण सोनी के खिलाफ परासिया पुलिस थाने में केस दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि डॉ. सोनी यहां सरकारी चिकित्सक होने के बावजूद एक निजी क्लिनिक चलाते थे और उन्होंने सिरप लेने का परामर्श दिया था।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कोतवाली पुलिस की एक स्पेशल टीम ने डॉ. सोनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद शनिवार देर रात छिंदवाड़ा के राजपाल चौक से उन्हें गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा, 'डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उन्होंने लापरवाही भरा रवैया दिखाया और लगभग एक महीने तक बच्चों पर इसके प्रतिकूल प्रभाव के बाद भी दवा लिख दी।'