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जुबिन गर्ग केस: CM हिमंत ने कहा- जल्दबाजी न करें, रिपोर्ट आने दें

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने सिंगर जुबीन गर्ग की मौत मामले में लोगों से विसरा रिपोर्ट आने तक धैर्य रखने की अपील की है। उन्होंने सिंगापुर में मौजूद असमिया गवाहों से भी जांच में सहयोग करने को कहा है।

Himanta Biswa Sarma

हिमंत बिस्वा सरमा, Photo Credit- PTI

सिंगर जुबीन गर्ग की मौत मामले पर अब एक नया मोड़ आया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जुबीन गर्ग के बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी के उठाए सवालों पर धीरज रखने को कहा है। सीएम ने कहा कि अगले हफ्ते विसरा रिपोर्ट आने तक धैर्य रखना चाहिए। सीएम ने सिंगापुर में मौजूद असमिया गवाहों से भी जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है। इसके पहले बैंडमेट शेखर ने कहा था कि मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और सिंगापुर के प्रोग्राम के आयोजक श्यामकानु महांता ने ही मिलकर जुबिन को जहर दिया है।

 

मीडिया से बात करते हुए असम के सीएम ने कहा कि पुलिस सभी बयानों पर सावधानीपूर्वक नजर बनाए हुए हैंसाथ में उन्होंने कहा कि जहर देने का आरोप किसी एक आरोपी ने लगाया हैकि किसी अधिकारी नेसीएम ने कहा, '10 अक्टूबर को विसरा रिपोर्ट आएगीइसलिए हम सभी को 11 अक्टूबर का इंतजार करना चाहिएइस दिन हमें पता चलेगा कि असल में उस दिन क्या हुआ थापुलिस का काम केस की डायरी में सब कुछ दर्ज करना है।'

 

आगे सीएम ने कहा, 'बैंडमेट शेखर ने ऐसा बयान क्यों दिया नहीं पता। वह खुद को बचाने के लिए ऐसा बोल रहे हैं या किसी दूसरे को दोषी ठहराने के लिए इन बातों की जांच की जानी चाहिए।'

 

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चौंकाने वाला खुलासा

यह खुलासा एक रिमांड नोट के बाद हुआ जिसमें शेखर ज्योति ने जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) को दिए बयान में आरोप लगाया था कि जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और सिंगापुर के नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महांता ने ही मिलकर जुबिन को जहर दिया है। अपनी साजिश को छिपाने के लिए जानबूझकर विदेश की जगह को चुना गया।

मुख्यमंत्री ने क्या कहा

पीटीआई न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री ने चल रही जांच में चुनौतियों को मानते हुए असम पुलिस सिंगापुर में जांच नहीं कर सकती थी, इस इवेंट के दौरान मौजूद गवाहों के लौटने और सहयोग करने पर निर्भर करती थी। उन्होंने कहा, 'असम पुलिस सिंगापुर नहीं जा सकती, इसलिए वह वहां जांच नहीं कर सकती। असमिया समुदाय के लोग सिंगापुर में हैं और यह मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। जब तक वे यहां नहीं आते, मामले की कड़ियों को जोड़ा नहीं जा सकता।'

 

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उन्होंने सिंगापुर में असमिया समुदाय के सदस्यों पर जांच में सहयोग के लिए जनता का दबाव बनाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा, 'अब हमारी पूरी चिंता यह है कि सिंगापुर में रहने वाले लोग आएंगे या नहीं। अगर वे नहीं आते हैं, तो हम जांच पूरी नहीं कर पाएंगे।' उन्होंने बताया कि कुछ गवाह ऐसे भी है जिन लोगों ने वापस आने में समस्याओं का हवाला दिया था। 

मामले की जांच के लिए कमिटी

असम सरकार ने इस पूरे घटना की घटना की जांच के लिए गुवाहाटी हाई कोर्ट के जज सौमित्र सैकिया की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग के गठन की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने बताया कि आयोग स्वतंत्र रूप से इसके लिए काम करेगा और साथ ही सीआईडी की चल रही जांच की निगरानी भी करेगाा। उन्होंने आगे कहा, 'इससे पहले किसी भी जज को जिम्मेदारी कभी नहीं सौंपी। मुझे उम्मीद है कि जांच पूरी होने के बाद हम सब कुछ सार्वजनिक कर पाएंगे।'राज्य सीआईडी ने सिंगापुर में असम एसोसिएशन के सदस्यों को नोटिस जारी कर 6 अक्टूबर तक पेश होने को कहा है। अब तक, राज्य भर में कई लोगों के खिलाफ 60 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और 14 दिनों की रिमांड पर भेज दिया गया है। 

 

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