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छत्तीसगढ़ में एनकाउंटर के दौरान 12 नक्सली ढेर, ऑपरेशन जारी

खबरों के मुताबिक दो जवानों की भी मौत हुई है। मारे गए नक्सलियों की भी संख्या और अधिक बढ़ सकती है।

Anti Naxal Operations

प्रतीकात्मक तस्वीर। (Photo Credit: MHA)

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छत्तीसगढ़ में बीजापुर-दंतेवाड़ा बॉर्डर पर पश्चिमी बस्तर डिवीज़न इलाके में बुधवार को हुए एनकाउंटर में सात नक्सली मारे गए हैं। बस्तर IG पी. सुंदरराज ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड (DRG) दंतेवाड़ा-बीजापुर, स्पेशल टास्क फ़ोर्स, सेंट्रल रिज़र्व पुलिस फ़ोर्स और CoBRA की टीमों ने जॉइंट एंटी-नक्सल ऑपरेशन चलाया। जैसे ही सिक्योरिटी फ़ोर्स जंगल में आगे बढ़े, नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिससे सिक्योरिटी फ़ोर्स ने जवाबी कार्रवाई की और उसी के दौरान 12 नक्सली मारे गए।


खबरों के मुताबिक उन्होंने आगे कहा कि ड्यूटी के दौरान दो जवानों की भी मौत हुई है, और ऑपरेशन में एक व्यक्ति घायल हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनकाउंटर में मारे गए नक्सलियों की संख्या अभी और बढ़ने की संभावना है।

 

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ऑपरेशन जारी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एंटी-नक्सल टास्क फोर्स ने बड़ी संख्या में नक्सलियों को घेर लिया है और एनकाउंटर अभी भी जारी है।

 

दंतेवाड़ा के DIG कमलोचन कश्यप के हवाले से कहा गया है कि एनकाउंटर दो घंटे से ज़्यादा समय से चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि पिछले कुछ महीनों से इस इलाके में एंटी-नक्सल ऑपरेशन चल रहे हैं।

मारे गए 268 नक्सली

बस्तर के आईजी पुलिस सुंदरराज पी. के मुताबिक इस साल छत्तीसगढ़ में कुल 268 नक्सली मारे गए हैं। इनमें से 239 तो सिर्फ बस्तर के सात जिलों (बीजापुर, दंतेवाड़ा वगैरह) में मारे गए, 27 गरियाबंद जिले में और 2 मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में मारे गए।

 

इसी बीच 30 नवंबर को दंतेवाड़ा में 37 नक्सलियो के आत्मसमर्पण करने की भी खबर आई। इनमें 27 लोगों पर कुल 65 लाख रुपए का इनाम था। इनमें 12 महिलाएं भी शामिल थीं। कुछ बड़े नाम थे जैसे कुमाली उर्फ अनीता मंडावी, गीता उर्फ लक्ष्मी मड़कम, रंजन उर्फ सोमा मंडावी और भीमा उर्फ जहाज कलमू। इनमें से हर एक पर 8-8 लाख रुपए का इनाम था।

 

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इन सभी ने पुलिस और सीआरपीएफ के बड़े अफसरों के सामने ‘पुना नार’ (यानी लाल डर से आजादी) योजना के तहत सरेंडर किए। सरकार की नीति के अनुसार हर सरेंडर करने वाले को तुरंत 50 हजार रुपए मिलेंगे, साथ ही स्किल ट्रेनिंग, खेती के लिए जमीन और समाज में दोबारा बसने के लिए पूरी मदद दी जाएगी।

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