E20 का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। कुछ दिन पहले कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया था कि एथेनॉल मिक्सिंग की पॉलिसी के जरिए नितिन गडकरी ने अपने बेटों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की है। उन्होंने आरोप लगाया था कि नितिन गडकरी को दोनों बेटों की कंपनी को इससे काफी लाभ पहुंचा है।
अब नितिन गडकरी ने चर्चा को विराम देने की कोशिश की है और कहा है कि उन्हें निशाना बनाने के लिए उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर पेड़ कैंपेन चलाया गया है। एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने यह बात कही। सोसाइटी ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर चला कैंपेन पेड (Paid) था जिसमें किसी तरह की कोई सच्चाई नहीं है। सब कुछ स्पष्ट है।
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कहा- बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा
गडकरी ने कहा कि वह एक पेड कैंपेन का शिकार हो गए हैं। उन्होंने कहा कि ई20 को लेकर सोशल मीडिया पर बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है और इसको लेकर चिंता जाहिर की जा रही है। उन्होंने कहा, 'यह ईंधन सुरक्षित है और नियामकों और ऑटोमोबाइल निर्माताओं, दोनों द्वारा समर्थित है. ARAI और सुप्रीम कोर्ट ने E20 कार्यक्रम को लेकर पूरी स्पष्टता दे दी है। सोशल मीडिय पर मुझे निशाना बनाने के लिए एक कैंपेन चलाया गया था, जो कि पेड कैंपेन था इसलिए मैं उस पर कोई ध्यान नहीं देता।'
क्या था मामला
दरअसल पेट्रोल के साथ एथेनॉल की ब्लेंडिंग को लेकर बवाल मचा हुआ था। कुछ लोगों का कहना था कि इस पेट्रोल की वजह से उनके वाहनों में माइलेज घट रहा है। इसके अलावा लोकल सर्किल के एक सर्वे में भी दावा किया गया था कि करीब 44 प्रतिशत लोगों ने भी एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल का समर्थन न करने की बात कही थी।
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हालांकि, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने बताया कि रेग्युलर पेट्रोल की तुलना में एथेनॉल की एनर्जी डेंसिटी कम होने के कारण माइलेज में मामूली कमी आती है।