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म्यांमार में बनी 'वोट चोरी' वाली PDF? दावों पर कांग्रेस ने दिया जवाब

राहुल गांधी ने 7 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनावों में 'वोट चोरी' का आरोप लगाया था। अब दावे किए जा रहे हैं कि राहुल ने जो PPT दिखाई थी और जो PDF अपलोड किए हैं, उन्हें म्यांमार में बनाया गया था।

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7 अगस्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी। (Photo Credit: PTI)

लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने चुनावों में कथित 'वोट चोरी' को लेकर जो 'सबूत' दिखाए थे, उन्हें लेकर दावा किया जा रहा है कि यह म्यांमार में तैयार किए गए थे। 'खुरपेंच' नाम के X यूजर ने एक लंबी-चौड़ी पोस्ट में दावा किया है कि 7 अगस्त को राहुल गांधी ने वोट चोरी के आरोप में जो PPT दिखाई थी, उसे म्यांमार के कम्प्यूटर में बनाया गया था। 


इसे लेकर दावा है कि राहुल गांधी की PPT में म्यांमार का 'टाइम जोन' दिख रहा है। दावा है कि इस PPT में म्यांमार का टाइम जोन MMT दिख रहा है। यही दिखाकर दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी की PPT म्यांमार में बनाई गई है। भारत का टाइम जोन IST है।


'खुरपेंच' के इस दावे के बाद बीजेपी भी हमलावर हो गई। बीजेपी ने कथित 'वोट चोरी' के आरोपों पर राहुल गांधी और कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है। बीजेपी ने सवाल उठाया है कि राहुल गांधी को रिमोट कंट्रोल से चलाने वाला वह 'विदेशी बॉस' कौन है? अब इसे लेकर कांग्रेस का भी जवाब आ गया है। कांग्रेस ने बताया है कि राहुल गांधी की PPT में म्यांमार का टाइम जोन क्यों दिख रहा है?

 

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क्या है पूरा मामला?

राहुल गांधी ने 7 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें राहुल ने चुनावों में वोट चोरी होने का आरोप लगाया था। राहुल ने दावा किया था कि बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर 'वोट चोरी' कर रहे हैं।


इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने PPT के जरिए प्रेजेंटेशन दिया था। इसमें उन्होंने कई सबूत पेश किए थे। राहुल ने दावा किया था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बेंगलुरु सेंट्रल सीट की महादेवपुरा विधानसभा में 1 लाख से ज्यादा वोटों की हेराफेरी हुई थी।

 


राहुल गांधी ने यह भी दावा किया था कि कई सारे डुप्लीकेट वोटर हैं और एक ही व्यक्ति का नाम कई बार आ रहा है। उन्होंने बताया था कि डुप्लीकेट वोटर के 11,965 केस हैं। उन्होंने सबूत दिखाते हुए कहा था कि गुरकिरत सिंह डांग नाम के वोटर का नाम अलग-अलग पोलिंग में कई बार आता है। उन्होंने दावा किया था कि 40 हजार से ज्यादा फर्जी एड्रेस हैं। इनके अलावा 10,452 पते ऐसे हैं जहां कई सारे वोटर हैं।


इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने जो PPT और सबूत पेश किए थे, उन सभी को RahulGandhi.in वेबसाइट पर हिंदी, अंग्रेजी और कन्नड़ भाषा में अपलोड किया गया है।

 

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म्यांमार का कनेक्शन क्या है?

'खुरपेंच' नाम के X यूजर ने एक थ्रेड पोस्ट की है और दावा किया है कि राहुल गांधी ने जो PPT दिखाई थी, उसमें म्यांमार का टाइम जोन दिख रहा है। यूजर ने दावा किया कि तीनों भाषाओं की PDF में 'Create Date' में 'म्यांमार' का टाइम जोन 'MMT' दिख रहा है।

 


दावा किया कि इस PDF को Adobe Illustrator से बनाया गया है और यह कम्प्यूटर का टाइमजोन लेता है। इसके Metadata से पता चलता है कि जब ये फाइलें एक्सपोर्ट की गईं, उसका टाइमजोन +6:30 MMT है। इससे पता चलता है कि इन्हें म्यांमार में बनाया गया है। 


उसने दावा किया है कि इन PDF को गूगल ड्राइव लिंक से शेयर किया गया है, जिससे PDF के Metadata पर फर्क नहीं पड़ता। 

 

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बीजेपी ने पूछा- विदेशी बॉस कौन है?

इसके बाद बीजेपी भी कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमलावर हो गई है। कई बीजेपी नेता इस पर सवाल उठा रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने भी X पर इसे लेकर पोस्ट की है और पूछा है कि राहुल गांधी का 'विदेशी बॉस' कौन है?

 


प्रदीप भंडारी ने अपनी पोस्ट में वही सब बातें दोहराई हैं, जो 'खुरपेंच' ने लिखी थीं। उन्होंने लिखा, 'ये तथाकथित सबूत भारत में नहीं बनाए गए थे। राहुल गांधी 'लोकतंत्र खतरे में है' की बात करते हैं लेकिन उनका अपना टूलकिट इस बात का पर्दाफाश करता है कि कैसे विदेशी हाथ भारत के विपक्ष का नैरेटिव सेट कर रहे हैं।'


उन्होंने आखिरी में लिखा कि राहुल गांधी, कांग्रेस और उनकी पूरी मंडली लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है।

 

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कांग्रेस ने बताई इसकी वजह?

कांग्रेस ने इस पर जवाब दिया है। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने X पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि बीजेपी आईटी सेल झूठ फैला रही है।


सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया कि 'यह प्रेजेंटेशन भारत में ही बना है और टाइम का जो फर्क दिख रहा है, वह सिर्फ सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी है।' उन्होंने 'विदेशी सोर्स' के दावों को खारिज कर दिया।


उन्होंने लिखा, 'उन्होंने सिर्फ एक Create Date चुना, जबकि बाकी सब तारीखें साफ तौर पर भारत के टाम IST से मिलती हैं। PDF का टाइमस्टैंप जगह का सबूत नहीं होता। यह सिस्टम से बनता है और अक्सर गलत हो सकता है। सिर्फ टाइम जोन देखकर विदेशी दखल का आरोप लगाना बेवकूफी है।'

 


उन्होंने म्यांमार के टाइम जोन दिखाने के दावे पर जवाब देते हुए कहा, 'Adobe जैसे सॉफ्टवेयर PDF बनाते समय सिस्टम की घड़ी से टाइम लेते हैं, जो कई बार गलत दिख जाता है। ऐसी गड़बड़ी अक्सर सॉफ्टवेयर बग, सिस्टम सेटिंग या मैन्युअल घड़ी में बदलाव से आती है।'


सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ट्रोल्स का शुक्रिया, जिनकी वजह से 'वोट चोरी' का मुद्दा और ज्यादा चर्चा में आ गया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी तो अभी और ज्यादा पर्दाफाश करने वाले हैं।

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