उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक स्कूल से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। शिक्षकों के शौचालय के बल्ब सॉकेट में जासूसी कैमरा लगाने के आरोप में स्कूल के निदेशक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि इस कैमरे की मदद से निदेशक अपने कंप्यूटर और मोबाइल फोन के जरिए टॉयलेट में जाने वाले व्यक्तियों की लाइव फुटेज देखता था। यह कैमरा एक शिक्षक को मिला जिसने पुलिस को इसकी सूचना दी। यह घटना नोएडा के सेक्टर 70 में स्थित प्ले स्कूल लर्न विद फन में हुई।
10 दिसंबर को एक शिक्षिका ने वॉशरूम के बल्ब होल्डर में हल्की रोशनी देखी, जिससे उसे संदेह हुआ। करीब से जांच करने पर उसे एक छिपा हुआ जासूसी कैमरा मिला। उसने तुरंत स्कूल के सुरक्षा गार्ड को सूचित किया, जिसने डिवाइस की मौजूदगी की पुष्टि की। शिक्षिका ने बाद में मामले की सूचना स्कूल के निदेशक नवनीश सहाय और स्कूल की कोऑर्डिनेटर पारुल को दी। हालांकि, उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया।
फुटेज को लाइव-स्ट्रीम देखता था डायरेक्टर?
शिक्षक का आरोप है कि न तो सहाय और न ही पारुल ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कोई कार्रवाई की। शिक्षक की शिकायत के बाद, नोएडा सेंट्रल के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) शक्ति मोहन अवस्थी ने जांच शुरू की और मामला दर्ज किया। जांच में पुष्टि हुई कि जासूसी कैमरा चालू था और बिना रिकॉर्ड किए फुटेज को लाइव-स्ट्रीम कर रहा था। इसके बाद निर्देशक नवनीश सहाय को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस के बयानों के अनुसार, सहाय ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि उसने 22 हजार में जासूसी कैमरा ऑनलाइन खरीदा था। डिवाइस को विशेष रूप से बल्ब होल्डर के भीतर छिपाने के लिए डिजाइन किया गया था, जिससे बिना बारीकी से जांच के इसे पहचानना लगभग असंभव था। सहाय ने अपने निजी डिवाइस पर लाइव फुटेज स्ट्रीम करने के लिए कैमरे का इस्तेमाल किया।
ऐसी पहली घटना नहीं
शिक्षिका ने यह भी आरोप लगाया है कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। उनका दावा है कि उन्होंने पहले भी स्कूल के शौचालय में इसी तरह का जासूसी कैमरा पाया था। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय कोई कार्रवाई नहीं की गई। शिक्षिका के अनुसार, स्कूल के सुरक्षा गार्ड विनोद ने खुलासा किया कि कैमरा खुद निदेशक ने लगाया था। पुलिस अब जांच कर रही है कि डिवाइस लगाने में सुरक्षा गार्ड की कोई भूमिका थी या नहीं। जांच जारी रहने के कारण स्कूल को फिलहाल बंद कर दिया गया है।