'कौन जाएगा, हमसे पूछना था', ऑपरेशन सिंदूर के डेलिगेशन पर ममता का सवाल
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बनाए गए मल्टी पार्टी डेलिगेशन पर सियासत भी शुरू हो गई है। टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी का कहना है कि हमारी पार्टी से कौन जाएगा, यह हमें तय करना चाहिए था।

ममता बनर्जी। (Photo Credit: PTI)
पाकिस्तान के आतंक के चेहरे को बेनकाब करने के लिए मोदी सरकार ने ऑल पार्टी डेलिगेशन बनाया है। अब इस पर सियासत भी शुरू हो गई है। अब तृणमूल कांग्रेस भी इस विवाद में पड़ गई है। टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी का कहना है कि केंद्र सरकार तय नहीं करेगी कि कौन जाएगा। वहीं, पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी का कहना है कि सरकार हमसे बोलती, फिर हम नाम तय करते।
इससे पहले ऐसी चर्चा चल रही थी कि इस डेलिगेशन में टीएमसी की तरफ से कोई भी सांसद नहीं जाएगा। हालांकि, ममता बनर्जी का कहना है कि उनकी पार्टी ने इसका बायकॉट नहीं किया है लेकिन सरकार को हमसे नाम पूछना चाहिए था।
केंद्र सरकार ने तीन दिन पहले ही मल्टी पार्टी डेलिगेशन बनाया गया था। इसे 7 ग्रुप में बांटा गया है। यह डेलिगेशन दुनियाभर में जाकर ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के आतंकवाद के बारे में बताएगा।
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क्या टीएमसी ने जाने से कर दिया इनकार?
ऐसी चर्चाएं थीं कि टीएमसी का कोई भी सांसद इस डेलिगेशन में शामिल नहीं होगा। इस सवाल पर टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'मुझे नहीं पता आप लोगों को यह जानकारी कहां से मिली। मैं साफ तौर पर कह देता हूं कि आतंकवाद का मुकाबला और राष्ट्रीय हित की रक्षा के लिए केंद्र सरकार जो भी फैसला लेगी, टीएमसी उसके साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ी रहेगी।'
उन्होंने कहा कि उन्हें किसी भी डेलिगेशन के जाने से कोई समस्या नहीं है। अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'हमें किसी भी डेलिगेशन के जाने से कोई समस्या नहीं है। हमारी पार्टी से कौन इस डेलिगेशन में रहेगा, यह हमारी पार्टी का फैसला होगा। केंद्र सरकार एकतरफा तरीके से यह तय नहीं कर सकती कि किस पार्टी से कौन जाएगा। टीएमसी, डीएमके, कांग्रेस या समाजवादी पार्टी का कौन सदस्य डेलिगेशन में होगा, यह पार्टी को ही तय करना चाहिए।'
#WATCH | Kolkata, WB: On being asked if TMC has opted out of the Centre's multi-party diplomatic mission aimed at countering Pakistan-sponsored terrorism, TMC National General Secretary and MP Abhishek Banerjee says, "I don't know from where you got this information. I am saying… pic.twitter.com/LToXDrFj5B
— ANI (@ANI) May 19, 2025
उन्होंने कहा, 'टीएमसी ऑपरेशन सिंदूर का बहिष्कार नहीं कर रही है। हमने कभी भी ऑपरेशन सिंदूर का बहिष्कार नहीं किया है। टीएमसी एकमात्र पार्टी है, जिसने इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया है। कुछ विपक्षी दलों समेत सत्तारूढ़ पार्टियों ने भी इसका राजनीतिकरण करने की कोशिश की है और मैं इसकी निंदा करता हूं। जब बात देश की आती है तो राजनीति की इसमें कोई जगह नहीं है।'
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ममता बनर्जी ने क्या कहा?
मल्टी पार्टी डेलिगेशन के बायकॉट करने की बात को ममता बनर्जी ने भी खारिज कर दिया। ममता बनर्जी ने कहा, 'हमारे पास कोई अनुरोध नहीं आया। अगर कोई अनुरोध हमारे पास आता तो हम विचार कर सकते थे। हम देश के पक्ष में हैं। विदेश मामलों के मुद्दे पर हमने हमेशा केंद्र की नीति का समर्थन किया है।'
#WATCH | Kolkata: On being asked if TMC has opted out of the Centre's multi-party diplomatic mission aimed at countering Pakistan-sponsored terrorism, West Bengal CM Mamata Banerjee says "...No request came to us. If a request came to us, then we could consider. We are in favour… pic.twitter.com/8VlwjmEqVt
— ANI (@ANI) May 19, 2025
उन्होंने कहा, 'मौजूदा समय में हम केंद्र सरकार के काम का समर्थन कर रहे हैं लेकिन वे खुद से नाम तय नहीं कर सकते। यह उनकी पसंद नहीं है। यह पार्टी की पसंद है। अगर उन्होंने हमसे किसी को भेजने का अनुरोध किया होता तो हम नाम तय करेंगे और उन्हें बताएंगे। ऐसा नहीं है कि हम बहिष्कार कर रहे हैं या हम नहीं जा रहे हैं।'
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कहां-कहां जाएगा डेलिगेशन
- ग्रुप-1: बैजयंत पांडा (बीजेपी), निशिकांत दुबे (बीजेपी), फांगनॉन कोन्याक (बीजेपी), रेखा शर्मा (बीजेपी), असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM), सतनाम सिंह संधू (नामित सांसद), गुलाम नबी आजाद, एंबेसेडर हर्ष श्रृंगला। इस ग्रुप को बैजयंत पांडा लीड करेंगे।
- कहां जाएगा?: सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया।
- ग्रुप-2: रवि शंकर प्रसाद (बीजेपी), दग्गुबती पुरंदेश्वरी (बीजेपी), प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना (यूबीटी)), गुलाम अली खटाना (नामित सांसद), अमर सिंह (कांग्रेस), समिक भट्टाचार्य (बीजेपी), एमजे अकबर और एंबेसेडर पंकज सारन। इस डेलिगेशन को रवि शंकर प्रसाद लीड करेंगे।
- कहां जाएगा?: यूके, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपियन यूनियन, इटली और डेनमार्क।
- ग्रुप-3: संजय कुमार झा (जेडीयू), अपराजिता सारंगी (बीजेपी), युसूफ पठान (टीएमसी), बृजलाल (बीजेपी), जॉन ब्रिट्टास (सीपीएम), प्रदान बरुआ (बीजेपी), हेमांग जोशी (बीजेपी), सलमान खुर्शीद और एंबेसेडर मोहन कुमार। इसके लीडर संजय कुमार झा होंगे।
- कहां जाएगा?: इंडोनेशिया, मलेशिया, साउथ कोरिया, जापान और सिंगापुर।
- ग्रुप-4: श्रीकांत एकनाथ शिंदे (शिवसेना), बांसुरी स्वराज (बीजेपी), ईटी मोहम्मद बशीर (IUML), अतुल गर्ग (बीजेपी), सस्मित पात्रा (बीजेडी), मनन कुमार मिश्रा (बीजेपी, एसएस आहलुवालिया और एंबेसेडर सुजान चिनॉय। इसे श्रीकांत एकनाथ शिंदे लीड करेंगे।
- कहां जाएगा?: संयुक्त अरब अमीरात, लाइबेरिया, कॉन्गो और सिएरा लियोन।
- ग्रुप-5: शशि थरूर (कांग्रेस), शांभवी (एलजेपी), सरफराज अहमद (जेएमएम), जीएम हरीश बालयोगी (टीडीपी), शशांक मणि त्रिपाठी (बीजेपी), भुवनेश्वर कालिता (बीजेपी), मिलिंद देवड़ा (शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (बीजेपी) और एंबेसेडर तरनजीत सिंह संधू। इस ग्रुप को शशि थरूर लीड करेंगे।
- कहां जाएगा?: अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया।
- ग्रुप-6: कनिमोझी करुणानिधि (डीएमके), राजीव राय (सपा), मियां अल्ताफ अहमद (नेशनल कॉन्फ्रेंस), ब्रजेश चोटा (बीजेपी), प्रेम चंद गुप्ता (आरजेडी), अशोक कुमार मित्तल (आप), एंबेसेडर मंजीव एस. पुरी और जावेद अशरफ। इस ग्रुप की लीडर कनिमोझी होंगी।
- कहां जाएगा?: स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया, लातविया और रूस।
- ग्रुप-7: सुप्रिया सुले (एनसीपी (एसपी)), राजीव प्रताप रूड़ी (बीजेपी), विक्रमजीत सिंह साहनी (आप), मनीष तिवारी (कांग्रेस), अनुराग ठाकुर (बीजेपी), कृष्णा देवरायालु (टीडीपी), आनंद शर्मा, वी. मुरलीधरन और एंबेसेडर सैयद अकबरुद्दीन। इस ग्रुप को सुप्रिया सुले लीड करेंगी।
- कहां जाएगा?: मिस्र, कतर, इथियोपिया और साउथ अफ्रीका।
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क्या था ऑपरेशन सिंदूर?
22 अप्रैल को हुए पहलगाम अटैक के बाद भारतीय सेना ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था। 25 मिनट तक चले इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में बने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के 9 ठिकानों को तबाह कर दिया था। इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं।
भारतीय सेना के इस ऑपरेशन से बौखलाकर पाकिस्तान की सेना ने भारत पर हमला कर दिया था। पाकिस्तानी सेना के हर हमले को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था। भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना के कई ठिकानों और एयरबेस को भी नुकसान पहुंचाया है। 10 मई को दोनों के बीच सीजफायर हो गया था।
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