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पहलगाम हमले का बड़ा खुलासा, 15 स्थानीय लोगों से की जा रही है पूछताछ

पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जड़े नए-नए खुलासे सामने अआ रहे हैं, जिसमें स्थानीय ओवर-ग्राउंड वर्कर्स के भूमिका भी सामने आ रही है।

Image of Indian Army Pahalgam

पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों की जांच तेज।(Photo Credit: PTI)

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22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए भयावह आतंकी हमले की जांच के दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों ने 15 स्थानीय कश्मीरी ओवर-ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) और आतंकियों के मददगारों की पहचान की है। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और फोन लोकेशन डेटा के आधार पर यह पता चला कि ये लोग पाकिस्तानी आतंकवादियों की सहायता कर रहे थे।

 

सूत्रों के अनुसार, जांच में पांच प्रमुख संदिग्धों को चिन्हित किया गया है। इनमें से तीन को हिरासत में लिया जा चुका है और शेष दो की तलाश जारी है। जांच में सामने आया कि हमले के दिन ये पांचों संदिग्ध घटनास्थल के आसपास मौजूद थे और उनके मोबाइल फोन की लोकेशन भी वहीं सक्रिय पाई गई थी।

 

जांच के दौरान एक चौंकाने वाली बातचीत भी पकड़ी गई है, जिसमें हिरासत में लिए गए तीनों प्रमुख संदिग्ध आपस में पहलगाम में मौजूद पाकिस्तानी आतंकियों को 'सहायता' करने की योजना पर चर्चा कर रहे थे।

 

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कौन होते हैं ओवर-ग्राउंड वर्कर्स?

कश्मीर में ओवर-ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) उन लोगों को कहा जाता है जो आतंकवादी संगठनों के लिए जमीनी स्तर पर सहायता करते हैं लेकिन सीधे हिंसक गतिविधियों में शामिल नहीं होते। ये लोग आतंकवादियों को रसद, पैसा, जानकारी, शरण या हथियार पहुंचाने का काम करते हैं। इनमें युवा, महिलाएं, छात्र या सामान्य नागरिक भी शामिल हो सकते हैं। OGWs का पता लगाना मुश्किल होता है क्योंकि वह सामान्य जीवन जीते हुए चुपके से आतंकी नेटवर्क को सपोर्ट करते हैं। सुरक्षा बल इन्हें पकड़ने और नेटवर्क तोड़ने पर जोर देते हैं।

200 से ज्यादा OGWs से की जा रही है पूछताछ

इसी बीच, सुरक्षा एजेंसियों ने हमले से जुड़े घटनाक्रम को समझने के लिए 200 से ज्यादा OGWs को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। अधिकारियों के अनुसार, हमलावर अब भी पहलगाम के घने जंगलों में छिपे हो सकते हैं, इसीलिए तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है।

 

जांच से पता चला है कि ये 15 स्थानीय मददगार सभी दक्षिण कश्मीर के रहने वाले हैं। ये पहले से ही जम्मू-कश्मीर पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज थे। इन्हीं OGWs ने आतंकियों को लॉजिस्टिक सहायता दी, जंगलों के रास्ते दिखाए और पाकिस्तान से आए हथियारों को पहुंचाने में भी मदद की थी।

 

जांच टीम, जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), जम्मू-कश्मीर पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और RAW के अधिकारी शामिल हैं, हिरासत में लिए गए OGW से जुड़े संदिग्धों से पूछताछ कर रही है ताकि हमले की साजिश की पूरी परतें खोली जा सकें।

 

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एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक 20-25 OGWs से खास तौर पर से पूछताछ की गई है। इनमें से कई ऐसे हैं जो पहले भी पाकिस्तान से आए आतंकियों को शरण देने, संपर्क में रहने और गाइड के तौर पर काम करने में शामिल रहे हैं।

 

इसके अलावा, सुरक्षाबलों ने OGW का एक बड़ा डेटाबेस खंगाला है, जिसमें 1500 से अधिक लोगों से पूछताछ के बाद अब 15 संदिग्धों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। साथ ही, दक्षिण कश्मीर में सक्रिय अन्य OGWs से भी पूछताछ की जा रही है ताकि पाकिस्तानी आतंकियों की पहचान और उनके संभावित ठिकानों का पता लगाया जा सके।


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