देश के सैन्य अभियान के महानिदेशक (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने प्रेस ब्रीफिंग में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सीजफायर दोनों देशों के बीच सिर्फ अंडरस्टैंडिंग थी। मगर शनिवार की रात को पाकिस्तान के उल्लंघन के साथ ही यह अब जा चुका है। नियंत्रण रेखा पर फायरिंग हो रही है। ऐसे में आगे क्या होगा यह कहना मुश्किल है। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में सशस्त्र बलों ने सटीक हमलों को अंजाम दिया। इसमें 1999 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान (आईसी-814) को अगवा करने और 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में शामिल रहे आतंकी समेत 100 से अधिक दहशतगर्दों की जान गई है।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों और साजिश रचने वालों को करना था। भारतीय हमले में यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदासिर अहमद जैसे बड़े आतंकी मारे गए हैं। मोहम्मद यूसुफ अजहर आईसी 814 विमान को अगवा करने और 2019 के पुलवामा हमले में शामिल था। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने आगे कहा कि भारतीय हमलों के बाद कुछ आतंकी ठिकाने अब आतंकवादियों से मुक्त हो चुके हैं।
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पाकिस्तान क्या करेगा? इसकी चिंता नहीं
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि भारत के सशस्त्र बल हमेशा किसी भी स्थिति का सामना करने को तैयार हैं। जो भी करना होगा, किया जाएगा। मुझे इसकी चिंता नहीं है कि पाकिस्तान क्या करेगा? मुझे केवल इस बात की चिंता है कि हम क्या करेंगे। हमारे पास एक रोडमैप और प्लान है। हम इसका पूरी लगन से पालन करेंगे।
सीजफायर अब जा चुका
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने आगे बताया कि पिछले 3-4 दिनों से जो गतिविधियां चल रही हैं, वह किसी युद्ध से कम नहीं हैं। सामान्य परिस्थितियों में एक-दूसरे देशों की एयरफोर्सेस हवा में नहीं उड़ती और एक-दूसरे पर स्ट्राइक नहीं करतीं। सीजफायर एक अंडरस्टैंडिंग थी। अब वह भी जा चुका है। सीजफायर अंडरस्टैंडिंग के जाते ही नियंत्रण रेखा पर जो फायरिंग हो रही है, उसमें घुसपैठ की कोशिश की जा रही है। आमतौर पर यह घुसपैठ आतंकवादी करते हैं। मगर हमारे पास सूचना है कि नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ में पाकिस्तानी सेना की टोलियां भी हो सकती हैं, जो हमारी चौकियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में हैं। यह सभी एक्टिविटी युद्ध में शामिल है। ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि आगे क्या होगा?
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LOC पर पाकिस्तान के 40 जवान ढेर
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने जानकारी दी कि 7 से 10 मई के बीच नियंत्रण रेखा (LOC) पर पाकिस्तान के लगभग 35 से 40 जवानों की मौत हुई है। यह भी कहा कि हताहतों की संख्या अधिक भी होगी, जिसका आकलन किया जा रहा है। भारतीय सेना ने पड़ोसी देश की सेना के हवाई घुसपैठ के जवाब में भारी हथियारों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य सिर्फ आतंकी ठिकाने थे। मगर पाकिस्तान ने हमारे लोगों और गांवों व धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया। इसके बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने उसे करारा जवाब दिया।