जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच जंग जैसे हालात पैदा हो गए हैं। 22 अप्रैल को पाकिस्तान से जुड़े आतंकी संगठन ने पहलगाम में पर्यटकों पर हमला करके 26 लोगों की हत्या कर दी थी। भारत सरकार ने पाकिस्तान के ऊपर तमाम कड़े प्रतिबंधों के साथ में पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए हैं और सभी को 48 घंटे के अंदर अपने देश लौटने का आदेश सुनाया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों को भी कहा है कि पाकिस्तानी नागरिकों को उनके देश भेजने के लिए कड़ाई से पालन करें।
आदेश के बाद पाकिस्तानी नागरिक भारत से अपने देश लौटने भी लगे हैं। परिवारों को पाकिस्तान लौटने के लिए अटारी बॉर्डर पर तांता लगा हुआ है। लेकिन इस फैसले के बाद से कई परिवार मुश्किल में फंस गए हैं। उन्हें अब सिर्फ लाचारी दिखाई दे रही है क्योंकि इस फैसले से कई परिवार बिखरने की कगार पर पहुंच गए हैं। इन्हीं परिवारों में से एक पाकिस्तानी हिंदू परिवार भी है, जो बाड़मेर में सीआईडी-क्राइम ब्रांच कार्यालय के बाहर खड़ा था।
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'पाकिस्तान में हमारे लिए कुछ नहीं बचा'
पाकिस्तानी हिंदू परिवार के एक छोटे बच्चे ने एक अंग्रेजी अखबार से कहा, 'भारत अच्छा है। पाकिस्तान में हमारे लिए कुछ नहीं बचा है। कीमतें बहुत ज्यादा हैं और कोई काम नहीं है।' दरअसल इस हिंदु परिवार ने कई कई परिवारों की तरह बेहतर भविष्य की तलाश में भारत आने से पहले पाकिस्तान में अपना सब कुछ बेच दिया था। अब उन्हें भारत सरकार के आदेश के बाद वापस पाकिस्तान भेजा जा रहा है।
'न तो घर है, न ही कोई भविष्य'
पाकिस्तान वापस जाने जाने वाले परिवारों का ये भी कहना है कि उनके पास वहां न तो घर है, न ही आजीविका और न ही कोई भविष्य। पाकिस्तान में हिंसा, धर्म परिवर्तन और बदतर जिंदगी छोड़कर ये परिवार सुरक्षा और अवसरों की तलाश में भारत आए थे लेकिन अब उन्हें अपना भविष्य अंधकारमय दिखाई दे रहा है।
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दरअसल, पिछले कुछ दिनों से बाड़मेर में सीआईडी-सीबी कार्यालय में पाकिस्तानी हिंदू परिवारों की भीड़ उमड़ पड़ी है। इसमें से कई परिवार भारत में प्रवास और रहने को वैध बनाने के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं। परिवारों को कागजी कार्रवाई पूरी करने और जरूरी दस्तावेज जुटाने के लिए दौड़ते हुए देखे जा रहे हैं ताकि वे भारत में बने रहें।
18 सदस्यों वाले परिवार ने लगाई गुहार
बाड़मेर सीआईडी-सीबी कार्यालय के बाहर एक 18 सदस्यों वाले पाकिस्तानी हिंदु परिवार 19 अप्रैल को सिंध प्रांत से भारत आया था। परिवार में छह महिलाएं, पांच बच्चे और सात पुरुष बाड़मेर सीआईडी जाकर अधिकारियों से भारत में रहने की अनुमति देने की गुहार लगाई।