12 जून को गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में एयर इंडिया का एक विमान दुर्घटना का शिकार हो गया। इस दुर्घटना में विमान में सवार 241 लोगों समते कुल 265 लगों की जान चली गई। विमान में सवार सिर्फ एक यात्री की ही जान बची है। इस घटना से पूरा देश सदमें में है क्योंकि इस तरह का यह पहला विमान हादसा है। इस हादसे के बाद अब तक अपने सुरक्षा मानकों के लिए प्रसिद्ध एयर इंडिया पर कई सवाल खड़े होने लगे हैं। इस बीच, एयर इंडिया के पूर्व कमर्शियल पायलट और बीजेडी नेता मनमथ राउत्रे ने इस हादसे पर गंभीर टिप्पणी की है। उन्होंने विमान के मेंटेनेंस प्रोटोकॉल और तकनीकी कारणों को लेकर कई अहम सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा, 'आज तक किसी ने एयर इंडिया के प्रशिक्षण मानकों पर सवाल तक नहीं उठाया। घटनास्थल से पता चलता है कि कल अलग-अलग स्रोतों से बहुत सारे डेटा सामने आए, जो आधे सच भी नहीं थे। पहले मुझे लगा कि यह पायलट की गलती हो सकती है लेकिन जब मैंने वहां का दृश्य देखा तो मुझे लगा कि इसमें पायलट की गलती नहीं हो सकती। धीरे-धीरे सामने आ रही जानकारी से पता चलता है कि विमान मेंटेनेंस चल रहा था, काफी काम पूरा हो चुका था और कई पुर्जों की ओवरहॉलिंग हो चुकी थी। शायद मेंटेनेंस के दौरान कोई गलती हुई हो, क्योंकि इस विमान के लिए बोइंग का रिकॉर्ड आज तक बेदाग रहा है।'
बोइंग में थी समस्या?
इस विमान हादसे के बाद बोइंग विमान पर प्रश्न उठने शुरू हो गए हैं। मनमथ राउत्रे ने बताया कि जब यह विमान नया-नया आया था उस समय इसकी बैटरी में प्रोबलम थी। उन्होंने कहा, 'बोइंग का रिकॉर्ड आज तक अच्छा रहा है। 14 साल पहले जब यह जहाज आया था उस समय उसकी बैटरी में कोई समस्या थी। इस जहाज में तेल की बहुत कम खपत होती है और इसमें जो भी समस्या आ रही थी उसे शुरू के 2 सालों में ठीक कर दिया गया था। पिछले 10 से 12 साल से जहाज में कोई भी समस्या नहीं आई है।'
क्यों हुआ हादसा?
मनमथ राउत्रे खुद भी लंबे समय तर पायलट रह चुके हैं उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर इस घटना के कारणों को बताया। उन्होंने कहा, 'इस हादसे में आशंका है कि जैसे ही टेक-ऑफ हुआ उसके बाद ऐसा लगता है कि थ्रस्ट में कोई समस्या है। इंजन पर दबाव ज्यादा था क्योंकि जहाज पूरी क्षमता तक भरा हुआ था। पाकिस्तान एयर स्पेस बंद होने के कारण जहाज में तेल भी ज्यादा था। घटना के बाद के दृश्य बताते हैं कि लैंडिंग गियर उस तरह से ऊपर नहीं गया है जैसा कि उसे होना चाहिए। लैंडिंग गियर फेल हो गया, जिसका मतलब है कि कोई बड़ी तकनीकी खराबी है। लैंडिंग गियर के कारण पायलट को सबसे ज्यादा समस्या हुई और उसे जो थ्रस्ट चाहिए था वह नहीं मिला। इसके बाद 400 या 600 फीट के बीच जहाज 1से 2 सेकंड के लिए रूका और जिसके बाद यह धीरे-धीरे नीचे आने लगा।'
इंजन फेल के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, 'इंजन फेल एक हुआ है या 2 इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। अगर 1 इंजन फेल हुआ होता तो जहाज हवा में कुछ देर हिलता लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अगर दोनों इंजन फेल हुए हैं तब तो इसमें बोइंग के जहाज में कोई न कोई समस्या जरूर थी जो इतने सालों से पता नहीं चली या उसे समझ नहीं सके।'