नवरात्रि की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित करते हुए रविवार को पीएम मोदी ने देश के लोगों को नवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नवरात्रि के पहले दिन से ही देश आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए एक महत्त्वपूर्ण और बड़ा कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि 22 सितंबर से ही सूर्योदय के साथ ही नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म लागू हो रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी की दरें कम होने से नियम और प्रक्रियाएं और आसान बनने से हमारे एमएसएमई, हमारे लघु, कुटीर उद्योगों को बहुत फायदा होगा। उनकी बिक्री बढ़ेगी और टैक्स भी कम देना पड़ेगा। यानी उनको भी डबल फायदा होगा। इसलिए आज मेरी एमएसएमई से, चाहे लघु हों या सूक्ष्म या कुटीर, आप सबसे बहुत अपेक्षाएं हैं। टैक्स छूट के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगर इनकम टैक्स में छूट और जीएसटी में छूट को जोड़ दिया जाए तो एक साल में जो निर्णय हुए हैं उससे देश के लोगों को ढाई लाख करोड़ से ज्यादा की बचत होगी, इसलिए यह बचत उत्सव बन रहा है।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 11 साल में देश में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को हराया है। गरीबी को परास्त किया है और गरीबी से बाहर निकलकर एक बहुत बड़ा समूह नियो मिडिल क्लास के तौर पर बड़ी भूमिका अदा कर रहा है। इस क्लास की अपनी महत्वाकांक्षाएं और सपने हैं। इस साल सरकार ने 12 लाख तक की इनकम को टैक्स मुक्त कर उपहार दिया और जब 12 लाख तक वेतन पर टैक्स शून्य हो जाए तो मध्यमवर्ग को तो काफी सुविधा हो जाती है।
अब गरीब की बारी है. नियो मिडिल क्लास की बारी है। अब इन्हें डबल बोनांजा मिल रहा है। जीएसटी कम होने से देश के नागरिकों के लिए अपने सपने पूरे करना और आसान होगा। घर बनाना, स्कूटर-कार खरीदना हो, इन सब पर अब कम खर्च करना होगा। अब आपका घूमना भी सस्ता होगा, क्योंकि होटल के कमरों पर भी जीएसटी कम कर दिया गया है।
स्वदेशी पर जोर
पीएम मोदी ने अपने भाषण में स्वदेशी पर भी जोर दिया उन्होंने कहा कि देश के लोगों को वही चीजें खरीदनी चाहिए जिसमें हमारे अपने देश के लोगों का पसीना लगा हो। इससे पहले भी पीएम मोदी स्वदेशी अपनाने के लिए कह चुके हैं। उन्होंने राज्यों से भी अपील की कि केंद्र सरकार के साथ मिलकर राज्य सरकारें स्वदेशी उत्पादों पर जोर दें।
उन्होंने कहा कि यह समय आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ाने का है। देश को एमएसएमई सेक्टर से बहुत ज्यादा उम्मीद है। भारत में बने सामानों को अपना गौरव वापस पाना है। हमारे लघु उद्योग दुनिया में जो भी बनाएं वह बेस्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हमें नहीं पता कि हमारी जेब में कंघी देसी है कि विदेशी।
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अब हमें इससे मुक्ति पानी होगी। में वो चीजें खरीदनी होंगी जो भारत में बनी हो, जिसमें हमारे देश के बेटे-बेटियों का पसीना हो, हमें देश के घरों को स्वदेशी का प्रतीक बनाना है। गर्व से कहो कि मैं स्वदेशी खरीदता हूं, मैं स्वदेशी सामान की बिक्री भी करता हूं। ये हर भारतीय का मिजाज बनना चाहिए। जब ये होगा तो भारत तेजी से विकसित होगा।'