एन बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के चार दिन बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया है। 9 फरवरी को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपना इस्तीफा गवर्नर अजय कुमार भल्ला को सौंप दिया था।
मणिपुर में पिछले 21 महीनों से जातीय हिंसा जारी है। मणिपुर मई 2023 से ही जातीय हिंसा का दंश झेल रहा है। हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अबतक 250 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरी जगहों पर विस्थापित होना पड़ा है।

राज्य में हिंसा को लेकर केंद्र से लेकर राज्य सरकार पर विपक्ष की तरफ से काफी दबाव था। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा के चलते कानून-व्यवस्था की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
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विधानसभा सत्र बुलाने की समय सीमा खत्म
दरअसल, संविधान के अनुच्छेद 174(1) के अनुसार राज्य विधानसभाओं को अपनी अंतिम बैठक के छह महीने के भीतर विधानसभा सत्र बुलाना अनिवार्य होता है। मणिपुर में पिछला विधानसभा सत्र 12 अगस्त 2024 को बुलाया किया गया था, लेकिन बीते दिन यानी बुधवार को विधानसभा सत्र बुलाने की समय सीमा खत्म हो गई।
किन परिस्थियों में लगता है राष्ट्रपति शासन
- चुनाव के बाद किसी पार्टी को बहुमत न मिला हो तब राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है।
- जिस पार्टी को बहुमत मिला हो वह सरकार बनाने से इनकार कर दे और राज्यपाल को दूसरा कोई ऐसा दल नहीं मिले जो सरकार बनाने की स्थिति में हो।
- राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के संवैधानिक निर्देशों का पालन ना किया हो।
- कोई राज्य सरकार जान-बूझकर आंतरिक अशांति को बढ़ावा या जन्म दे रही हो।
- राज्य सरकार अपने संवैधानिक दायित्यों का निर्वाहन नहीं कर रही हो तब केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन लगाता है।