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डल्लेवाल पर 'सुप्रीम नजर', किसान आंदोलन तेज, क्या है किसानों की मांग?

किसान अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 35 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। पढ़ें किसान आंदोलन से जुड़ी एक-एक बात।

Farmers Protest

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 35 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। (तस्वीर-PTI)

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल बीते 35 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। वह खनौरी बॉर्डर पर बैठे हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान नेताओं का कहना है कि वह गांधीवादी तरीके से अपना विरोध जारी रखे हुए हैं, सरकार उन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग करना चाहती है। जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत खराब है और आमरण अनशन से उनकी तबीयत और बिगड़ रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल में न भर्ती कराने को लेकर फटकारा है। अब किसानों की यह प्रतिक्रिया सामने आई है। किसान केंद्र सरकार के खिलाफ पंजाब-हरियाणा सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

पंजाब सरकार के अधिकारियों की एक टीम ने जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि अगर वह अपना अनशन जारी रखना चाहते हैं तो इलाज कराएं। जगजीत सिंह डल्लेवाल ने इलाज कराने से भी इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश है कि 31 दिसंबर से पहले जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्थायी अस्पताल में शिफ्ट करें।  

क्या कह रहे हैं किसान?
खनौरी सीमा विरोध स्थल पर किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, 'हम यह साफ करना चाहते हैं कि केंद्र पहले दिन से ही हमारे आंदोलन को बदनाम करने और दबाने की कोशिश कर रहा है। इस तरह की कहानी गढ़ी जा रही है कि किसान जिद्दी हैं। केंद्र ही ऐसा रवैया अपना रहा है, हमारी बात नहीं सुन रहा है। किसानों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, 'हम गांधीवादी सिद्धांतों को अपनाकर अपना आंदोलन जारी रखे हुए हैं। हमारे आंदोलन ने साबित कर दिया है कि सरकार के अत्याचारों के कारण इतना कुछ सहने के बावजूद हम गांधीवादी तरीके से विरोध करना जारी रखे हुए हैं।'

अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, 'हम इन सिद्धांतों का पालन कर रहे हैं। अब यह सरकार और संवैधानिक संस्थानों पर निर्भर है कि क्या वे डल्लेवाल जी को हटाने के लिए बल प्रयोग करना चाहते हैं। किसान यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि जो भी स्थिति उत्पन्न होगी, उसकी जिम्मेदारी केंद्र और संवैधानिक संस्थाओं की होगी।'

अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, 'हम देश के लोगों से यह भी अपील करना चाहते हैं कि एमएसपी की गारंटी की मांग करने वाला आंदोलन निर्णायक चरण में पहुंच गया है। हम जीत की ओर हैं। हमें कड़ा रुख अपनाना ही चाहिए। डल्लेवाल ने अपनी जान तक दांव पर लगा दी है।'

कब से धरने पर हैं किसान?
किसान संयुक्त मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले यह किसान आंदोलन हो रहा है। 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान धरने पर बैठे हैं। महीनों के विरोध प्रदर्शन के बाद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल अब 35 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। 

चाहते क्या हैं किसान?
- किसानों की मांग है कि संविधान की पांचवी सूची को लागू किया जाए, जिससे आदिवासियों की जमीनों का क्रय-बिक्रय अवैध तरीके से न हो।
- मिर्च, हल्दी और दूसरी व्यापारिक फसलों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक आयोग बने। 
- विद्युत संशोधन विधेकर रद्द हो जाए। 
- मनरेगा में 200 दिन काम और 700 रुपये की दिहाड़ी अनिवार्य की जाए। 
- जिन किसानों की आंदोलन के दौरान मौत हुई है, उन्हें सरकारी नौकरी दी जाए, मुआवजा मिले।
 - किसानों के हित में मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगा दी जाए।
- किसानों का कर्ज माफ किया जाए, किसानों को पेंशन दी जाए।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू की जाए। 
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। 
- खाद सस्ती हो, डीएपी खाद की किल्लत को दूर करने की कोशिश सरकार करे।
- फसलों की कीमत स्वामिनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर तय की जाए, जिससे किसानों का जीवन सुधरे।
- सभी फसलों की खरीद पर कानूनी गारंटी मिले। 

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