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ओला, उबर और रैपिडो को 15% महिला ड्राइवर रखना होगा, जानिए क्यों?

साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर राजस्थान हाई कोर्ट ने चिंता जताई है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को ओला, उबर और रैपिडो जैसी राइड बुकिंग प्लेटफॉर्म पर 15 फीसद महिला ड्राइवर रखने का निर्देश दिया है, ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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सांकेतिक फोटो। (AI generated image)

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राजस्थान हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को राजस्थान साइबर क्राइम कंट्रोल सेंटर बनाने का निर्देश दिया है। प्रदेश में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के बीच अदालत ने कहा कि राजस्थान में पिछले साल साइबर क्राइम के डायरेक्टर जनरल का दफ्तर बनाया गया था। इसके बावजूद प्रदेश में साइबर क्राइम को नियंत्रित करने का कोई ढंग का सिस्टम नहीं है।

 

हाई कोर्ट ने अपने निर्देश में प्रदेश सरकार को ओरिजनल और सेकंड हैंड डिवाइस की बिक्री की निगरानी करने और किसी भी व्यक्ति को तीन से अधिक सिम जारी नहीं करने को कहा। अगर कोई व्यक्ति तीन से अधिक सिम खरीदता है तो जरूरी जांच और सत्यापन के बाद ही चौथा सिम उसे दिया जाए। कोर्ट ने इसके अलावा स्कूल में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के स्मार्टफोन इस्तेमाल करने पर विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाने का निर्देश दिया। 

 

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हाई कोर्ट ने गिग वर्कस से जुड़े कई अहम निर्देश दिए हैं। इसके तहत सभी गिग वर्कर्स का डीजी साइबर में पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। अगले साल फरवरी से गिग वर्कस की यूनिफॉर्म होगी। क्यूआर कोड युक्त आईडी भी जरूरी करने का निर्देश दिया गया है। गिग वर्कर्स को ड्यूटी के वक्त आईडी कार्ड रखना होगा। अगर कोई ग्राहक या अधिकारियों आईडी कार्ड मांगता है तो इसे दिखाना होगा। एक अन्य निर्देश में सभी गिग वर्कर्स को अपने वाहन पर कमर्शियल नंबर प्लेट लगाने और राज्य परिवहन विभाग के पास पंजीकरण करवाने को कहा गया है।

15 फीसद महिला ड्राइवर रखना होगा


हाई कोर्ट ने एक अन्य निर्देश में कहा कि अगले छह महीने में राइड बुकिंग कंपनियों को कब से कम 15 फीसद महिला ड्राइवर को रखना होगा। एप में एक महिला ग्राहक को एक महिला ड्राइवर बुक करने की सुविधा देनी होगी। हर जिले में एक स्पेश पब्लिक प्रॉसिक्यूटर भी नियुक्त करना होगा। 

बंद अकाउंट पर नजर रखेंगे बैंक

राजस्थान हाई कोर्ट ने सभी वित्तीय संस्थाओं को म्यूल अकाउंट पर सख्ती से रोक लगाने का निर्देश दिया। अदालत ने वित्तीय संस्थाओं को आरबीआई के म्यूल हंटर समेत दूसरे टूल और सॉफ्टवेयर की मदद से इन अकाउंट और धन का पता लगाने का निर्देश दिया। इसके अलावा वित्तीय संस्थाओं को बंद बैंक खातों पर नजर रखने और उनकी केवाईसी दोबारा करवाने को कहा है।

 

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केवाईसी से पहले फिजिकल वेरिफिकेशन जरूरी

गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को दिए निर्देश में हाई कोर्ट ने कहा कि बंद बैंक अकाउंट का केवाईसी करते समय खाता धारक का फिजिकल वेरिफिकेशन जरूर करें। अगर कोई खाता संदिग्ध लगता है तो उसे इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा न दें। जिन खातों में पिछले तीन साल में 50 हजार रुपये वार्षिक से कम लेन-देन हुआ है, उनको भी इंटरनेट बैंकिंग तक पहुंच न मिले।

 

राजस्थान हाई कोर्ट गुजरात के रहने वाले दो लोगों की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इन दोनों पर अधिकारी बनकर 80 वर्षीय दंपती से 2 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का आरोप है। जस्टिस रवि चिरानिया ने दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी। इसी दौरान हाई कोर्ट ने राजस्थान सरकार, वित्तीय संस्थाओं और राइड बुकिंग कंपनियों को कुल 35 निर्देश दिए हैं।

 

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