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RG कर केस: 'CBI ने पूरी कोशिश नहीं की', पीड़िता के पिता का बड़ा आरोप

चर्चित आरजी कर रेप एंड मर्डर केस में फैसला आने से ठीक पहले पीड़िता के पिता ने सीबीआई के जांच करने के तरीके पर कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं और साजिश की आशंका जताई है।

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RG कर केस में प्रदर्शन की फाइल फोटो, Photo Credit: PTI

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पिछले साल अगस्त महीने में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई घटना अब फैसले तक पहुंच गई है। रेप और हत्या के इस मामले में आज अदालत का फैसला आना है। फैसले से ठीक पहले पीड़िता के पिता ने कुछ ऐसा कहा है जिससे खलबली मच गई है। पीड़िता के पिता ने आरोप लगाए हैं कि इस मामले में सीबीआई ने पूरी कोशिश नहीं की। उनका कहना है कि एक-दो बार सीबीआई की टीम उनके घर आई थी लेकिन उन्हें कभी नहीं बुलाया गया। आज आ रहे फैसले के बारे में उनका कहना है कि उनके वकील और सीबीआई ने कहा है कि वे आज कोर्ट न जाएं। उन्होंने सीबीआई की अब तक की जांच पर भी सवाल उठाए हैं। फिलहाल पीड़िता के परिजन ने मांग उठाई है कि दोषी को अधिकतम सजा दी जाए। आज सियालदह की अदालत इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी।

 

अगस्त 2024 में हुई इस घटना के बाद गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी संजय रॉय पर आरोप है कि उसने पीड़िता का दुष्कर्म किया और फिर उसकी जान ले ली। 31 साल की पीड़िता आरजी कर अस्ताल में पीजी की स्टूडेंट थी और वहीं पर काम भी कर रही थी। इस घटना के बाद कोलकाता समेत पूरे देश में बड़े स्तर पर प्रदर्शन भी हुए थे। इस केस की वजह से आर जी कर के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष को भी गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, बाद में संदीप घोष को जमानत मिल गई।

 

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क्या बोले पीड़िता के पिता?

 

अब इस मामले पर फैसले के दिन पीड़िता के पिता का कहना है, 'सीबीआई और हमारे वकील ने बार-बार बोला है कि आप कोर्ट नहीं जा सकते। हम तो कभी कोर्ट नहीं गए, हमें मालूम नहीं है कि वहां क्या होता है। कोर्ट में क्या हुआ, हमें इसके बारे में भी कुछ नहीं पता है। जब लड़की की लाश वहां रखी थी, तब भी हमको तीन घंटे तक कॉरिडोर में रोककर रखा था। सीबीआई ने हमें कभी बुलाया नहीं। दो-तीन बार आए जरूर थे वे लोग। जांच के बारे में यही कहते थे कि मामला आगे बढ़ रहा है।'

 

 

उन्होंने आगे कहा, 'उस रात में जो-जो ड्यूटी पर था, वह कुछ न कुछ जानता है। उनसे पूछताछ नहीं किया। ड्यूटी रजिस्टर भी अब तक कलेक्ट नहीं किया। लड़की के गले पर बाइट था लेकिन उससे भी कोई स्वैब कलेक्ट नहीं किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट लिखा है उसमें कोई सख्त सबूत नहीं है। ऐसे लिखा है कि हो भी सकता है, नहीं भी हो सकता है। सीबीआई कोशिश नहीं कर रही है। इसमें कोई न कोई तो जरूर शामिल है। डीएनए रिपोर्ट में 4 लड़का और 2 लड़की की उपस्थिति दिखाई दे रही है। इसमें और भी लोग शामिल हैं। जो भी सजा होगी, हमें उससे थोड़ा सुकून मिलेगा। हम लोगों को भी बोलेंगे कि वे आवाज उठाते रहें।'

केस में अब तक क्या-क्या हुआ?

 

इस केस के मुख्य आरोपी संजय रॉय को अगस्त में ही गिरफ्तार किया गया था। बाद में कुछ अन्य आरोपी भी पकड़े गए लेकिन मुख्य आरोप संजय रॉय पर ही हैं। 14 अगस्त 2024 को भीड़ अस्पताल में घुस गई थई और जमकर तोड़फोड़ भी की गई।

 

शुरुआती जांच में सीबीआई ने 50 गवाहों के बयान दर्ज कराए। पूरा ट्रायल बंद कमरे में और कैमरे के सामने किया गया है। 4 नवंबर 2024 तक संजय रॉय के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया पूरी हो गई और 11 नवंबर से ट्रायल शुरू हुआ। मामले की जांच शुरुआत में कोलकाता पुलिस कर रही थी लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया।

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