पश्चिम बंगाल के सरकारी आरजी कर अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ हुए कथित दुष्कर्म और हत्या की पहली बरसी पर शनिवार को पीड़िता की मां ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि नबन्ना (पश्चिम बंगाल सचिवालय) तक मार्च में शामिल होने के दौरान महिला पुलिसकर्मियों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की। इस झड़प में उनकी पारंपरिक 'शंखा' (चूड़ी) टूट गई और सिर में चोट भी आई। पीड़िता की मां ने भावुक होकर कहा, 'वे हमें इस तरह क्यों रोक रहे हैं? हम तो बस नबन्ना जाकर अपनी बेटी के लिए इंसाफ मांगना चाहते हैं।'
'नबन्ना चलो अभियान' के तहत यह मार्च आयोजित किया गया था, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से महिलाओं की सुरक्षा में नाकामी के लिए इस्तीफे की मांग कर रहे थे। हावड़ा जिले के सांतरागाछी में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के 10 फुट ऊंचे बैरिकेडिंग को पार करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वाटर कैनन और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) तैनात की गई। एक प्रदर्शनकारी ने गुस्से में कहा, 'पुलिस हम पर गोली भी चला सकती है, लेकिन हम नबन्ना जरूर पहुंचेंगे। सरकार को जवाब देना होगा कि एक साल बाद भी 'अभया' (मृत चिकित्सक का प्रतीकात्मक नाम) को इंसाफ क्यों नहीं मिला?'
यह भी पढ़ेंः आरजी कर रेप पीड़िता के पिता का आरोप- CBI ने बनाई दो अलग रिपोर्ट
मांगों पर अड़े रहे
प्रदर्शनकारी तिरंगे, पोस्टर और बैनर लेकर सड़कों पर उतरे, जिनमें ममता बनर्जी के इस्तीफे और पीड़िता के लिए इंसाफ की मांग थी। कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग को तोड़ने के लिए भारी औजारों का भी इस्तेमाल किया।
पुलिस लाउडस्पीकर के जरिए बार-बार प्रदर्शनकारियों को कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश का पालन करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की चेतावनी दे रही थी, लेकिन लोग अपनी मांगों पर अड़े रहे।
शुभेंदु अधिकारी भी हुए शामिल
पीड़िता के माता-पिता ने लोगों से इस मार्च में शामिल होने की अपील की थी। उनके पिता ने कहा, 'हाई कोर्ट ने शांतिपूर्ण रैली की अनुमति दी थी, फिर भी पुलिस हमारे साथ सहयोग नहीं कर रही। कई जगहों पर हमारे वाहनों को रोका गया और लोगों को सभा स्थल तक पहुंचने से रोकने की कोशिश की गई।'
इस बीच, विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी भी कोलकाता के एस्प्लेनेड इलाके में डोरीना क्रॉसिंग पर पहुंचे और पीड़िता के माता-पिता के साथ मार्च में शामिल हुए। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से बिना पार्टी के झंडे या बैनर के इस जुलूस में शामिल होने को कहा। अधिकारी ने कहा, 'ममता बनर्जी सरकार इस भारी भीड़ से डर रही है।'
यह भी पढ़ेंः IIM कोलकाता के हॉस्टल में छात्रा से दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार
भीड़ बढ़ती रही
हावड़ा और कोलकाता में सभा स्थलों पर भीड़ लगातार बढ़ रही थी, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नबन्ना के पास पहुंचने से रोक दिया। इस मार्च में शामिल लोग न केवल इंसाफ की मांग कर रहे थे, बल्कि राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा रहे थे। यह घटना पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा और प्रशासन की जवाबदेही को लेकर एक बड़ा मुद्दा बन गई है।