रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शनिवार को भारत और पाकिस्तान से राजनीतिक और कूटनीतिक के जरिए अपने मतभेदों को सुलझाने का आग्रह किया। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद रूस का पहली बार ये बयान सामने आया है। लावरोव ने 2 मई को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ फोन पर बातचीत की। इस दौरान लावरोव ने पहलगाम में आतंकवादी हमले की चर्चा की।
दोनों विदेश मंत्रियों की बातचीत के बाद रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा, 'दोनों ने पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद रूसी-भारतीय सहयोग और भारत-पाकिस्तान संबंधों में आई गिरावट के मुद्दों पर चर्चा की। सर्गेई लावरोव ने 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणापत्र के प्रावधानों के मुताबिक राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से द्विपक्षीय आधार पर भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों को सुलझाने का आह्वान किया।'
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भारत ने उठाए हैं ये कदम
बयान में आगे कहा गया है कि लावरोव और जयशंकर ने आने वाले समय में दोनों देशों के संबंध और कार्यक्रम पर भी चर्चा की। बता दें कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा अटारी चेक पोस्ट बंद, व्यापार को पूरी तरह से निरस्त और उच्चायोगों के कर्मचारियों की संख्या कम करना कर दिया है।
पाकिस्तान से आयात होने वाले सामानों पर रोक
इस बीच शनिवार को भारत सरकार ने पाकिस्तान से आयात होने वाले सभी सामानों पर रोक लगा दी है। इसके साथ-साथ ही भारत ने पाकिस्तान से आने वाले मेल-पार्सल पर भी बैन लगाते हुए सभी भारतीय बंदरगाहों पर पाकिस्तान से आने वाले जहाजों के डॉकिंग पर रोक लगा दी है।
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जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी व्यापार को निलंबित करने की घोषणा की है। इसके साथ ही पाकिस्तान के भारतीय एयरलाइनों को अपने हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने से रोक दिया।