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हत्या करके मगरमच्छों को लाश खिलाने वाले 'डॉक्टर डेथ' की खौफनाक कहानी

जेल से फारार डॉक्टर डेथ के नाम से कुख्यात देवेंद्र शर्मा को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इस पर कई लोगों की हत्या और अवैध किडनी ट्रांसप्लांट का आरोप है। पढ़िए डॉक्टर डेथ कैसे बना कुख्यात अपराधी।

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सांकेतिक तस्वीर, photo credit: ai

दिल्ली पुलिस ने एक कुख्यात अपराधी को राजस्थान के दौसा जिले से हिरासत में लिया है। इस अपराधी पर 50 से ज्यादा हत्याओं का आरोप है और यह 'डॉक्टर डेथ' के नाम से भी जाना जाता है। देवेंद्र शर्मा नाम का यह अपराधी जून 2023 में तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आया था और अगस्त 2023 में फरार हो गया था। पुलिस अगस्त 2023 से ही इसकी तलाश में थी और अब यह पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। इस आरोपी पर हत्या के अलावा किडनी रैकेट में शामिल होने का भी आरोप है। 

 

पुलिस ने बताया कि आरोपी को राजस्थान के दौसा जिले से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी दौसा के आश्रम में साधु बनकर छिपा हुआ था और फर्जी नाम से रह रहा था। उस पर आरोप है कि वह पहले अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट चलाता था और बाद में सीरियल किलर बन गया। उस पर दिल्ली हरियाणा उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 50 से ज्यादा टैक्सी चालकों की हत्या करने और 1994 से 2004 के बीच अवैध रूप से 125 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट करवाने का आरोप है।

 

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कोर्ट सुना चुका है मौत की सजा


आरोपी देवेंद्र शर्मा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का रहने वाला है। उसके खिलाफ हत्या, अपहरण, लूट समेत 27 मामले दर्ज हैं। उसे अलग-अलग मामलों में दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। गुड़गांव की एक अदालत ने टैक्सी ड्राइवरों की हत्या के मामले में उसे मौत की सजा सुनाई थी। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने 50 से ज्यादा हत्या करने की बात को कबूल कर लिया था। 

 

पैरोल पर जेल से बाहर आया


देवेंद्र कुमार के अपराधों का खुलासा पहली बार 2004 में हुआ था। इसके बाद उसने अपने परिवार को छोड़ दिया था। वह लंबे समय से जेल में ही बंद था और जून 2023 में पैरोल पर बाहर आया था। इसके बाद उसकी पैरोल खत्म होने के बाद भी वह जेल नहीं गया और अगस्त 2023 से फरार था। पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच लंबे समय से अलीगढ़, आगरा, प्रयागराज, जयपुर और दिल्ली में उसके ठिकानों पर नजर बनाए हुए थी।

 

पुलिस को एक सूचना मिली थी कि वह राजस्थान के दौसा जिले में एक साधु बनकर रह रहा है। इस सूचना के आधार पर पुलिस उस आश्रम में गई जहां देवेंद्र शर्मा पुजारी बनकर रह रहा था। पुलिस उस आश्रम में अनुयायी बनकर गई थी और पुलिस ने पहले सुनिश्चित किया की वह पुजारी देवेंद्र शर्मा है या नहीं। जब पुलिस को विश्वास हो गया कि यह वही आरोपी है तो उन्होंने उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह पैरोल पर बाहर आने के बाद कभी वापस जेल नहीं जाना चाहता था। 

 

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हत्या के बाद लाश मगरमच्छ को खिला देता था


दिल्ली पुलिस ने बताया कि देवेंद्र शर्मा साल 2002 से 2004 के बीच कई टैक्सी ड्राइवरों की हत्या कर चुका है। वह कहीं जाने के लिए टैक्सी बुक करता था और फिर ड्राइवर की हत्या कर देता था। हत्या के बाद वह उनकी टैक्सी बेच देता और उनकी लाशों को नहर में फेंक देता था। उत्तर प्रदेश के कासगंज स्थित हजारा नहर में में बड़ी संख्या में मगरमच्छ मौजूद हैं। वो उन लाशों को अपना निवाला बना लेते थे। इतना ही नहीं वह लंबे समय तक किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का हिस्सा भी रहा है। उसने कबूल किया कि उसने डॉक्टरों और बिचौलियों की मदद से 125 से ज्याद किडनी को अवैध रूप से ट्रांसप्लांट करवाया है। 

 

व्यापार में घाटे के बाद अपराध की दुनिया में रखा कदम


पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, देवेंद्र शर्मा पहले व्यापार करता था। 1994 में उसे गैस एजेंसी डील में भारी नुकसान हुआ था। इसके बाद उसने फर्जी गैस एजेंसी शुरू कर दी थी। कुछ समय बाद वह अवैध किडनी ट्रांसप्लांट धंधे में उतर गया। 1998 से 2004 के बीच उसने 125 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट की बात कबूल की है। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद वह टैक्सी ड्राइवरों की हत्या करने लगा और अपराध की दुनिया में लगातार आगे बढ़ता गया।

 

देवेंद्र शर्मा पहले भी पैरोल पर बाहर आकर फरार हो गया था। 2020 में उसे 20 दिन की पैरोल मिली थी इसके बाद भी वह फरार हो गया था। उस समय वह 7 महीने तक फरार रहा था। जून 2023 में भी उसे 2 महीने की पैरोल मिली थी लेकिन उसका इरादा था कि वह वापस जेल नहीं जाएगा। 3 अगस्त 2023 को उसकी पैरोल खत्म होने के बाद से वह फरार था।

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