अब सुप्रीम कोर्ट परिसर में कोई भी शख्स फोटोग्राफी नहीं कर सकेगा। रील बनाने और वीडियोग्राफी पर भी रोक लगाई गई है। सुरक्षा के मद्देनजर शीर्ष अदालत ने अपने मुख्य परिसर में फोटो खींचने, रील बनाने और वीडियोग्राफी पर बैन लगा दिया है। न्यूज चैनल भी अपनी कवरेज लॉन वाले क्षेत्र से ही करेंगे अगर किसी वकील, वादी, ट्रेनी या विधि लिपिक ने गाइडलाइन का उल्लंघन किया तो संबंधित बार एसोसिएशन या संबंधित राज्य बार काउंसिल उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 सितंबर को एक परिपत्र में मीडियाकर्मियों से कहा कि वे इंटरव्यू और समाचारों का सीधा प्रसारण लॉन से करें। इसके अलावा मोबाइल फोन से हाई सिक्योरिटी वाले लॉन में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करना निषिद्ध है। आधिकारिक इस्तेमाल को छोड़कर सुप्रीम कोर्ट के हाई सिक्योरिटी जोन में वीडियोग्राफी, रील बनाने और कैमरा, ट्राइपॉड, सेल्फी-स्टिक जैसै उपकरण प्रतिबंधित हैं।
यह भी पढ़ें: 3 दिन, 5 राज्य, हिंसा के 28 महीने बाद मणिपुर भी जाएंगे PM मोदी
उल्लंघन करने पर पत्रकारों पर क्या एक्शन होगा?
परिपत्र के मुताबिक अगर किसी मीडियाकर्मी ने दिशा-निर्देश का उल्लंघन किया तो सुप्रीम कोर्ट हाई सिक्योरिटी जोन में उसकी एंट्री एक महीने तक प्रतिबंधित कर सकता है। किसी कर्मचारी या रजिस्ट्री की तरफ से होने वाले उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा।
यह भी पढ़ें: कर्नाटक में होगी नई जाति जनगणना, 22 सितंबर से शुरुआत
फोटो लेने पर तुरंत रोकेंगे सुरक्षाकर्मी
यदि किसी अन्य कर्मचारी ने मुख्य परिसर में वीडियो, फोटो या रील बनाई तो उसके खिलाफ संबंधित विभाग से एक्शन लेने का अनुरोध किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा में तैनात जवानों के पास किसी भी शख्स, वकील और स्टाफ के लोगों को हाई सिक्योरिटी जोन के भीतर फोटो लेने और वीडियो बनाने से रोकने का अधिकारी होगा।