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हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पास पेड़ काटने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पास गाचीबावली जंगल को साफ किए जाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि अगले फैसले तक वहां पेड़ न काटे जाएं। इस मामले में आज ही फिर से सुनवाई होगी।

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हैदराबाद यूनिवर्सिटी में पेड़ हटाती मशीनें, Photo Credit: Social Media

हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पास 400 एकड़ क्षेत्र में पेड़ों को काटकर इलाके को साफ किए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ काटे जाने पर रोक लगा दी है। इसके बारे में सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिए हैं कि जब तक अगला आदेश न जारी हो तब तक के लिए पेड़ न काटे जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को निर्देश दिए हैं कि वह आज ही घटनास्थल पर जाएं और दोपहल 3:30 बजे तक इस मालमे पर अपनी रिपोर्ट दें। रिपोर्ट आने के बाद 3 बजकर 45 मिनट पर फिर से इस मामले की सुनवाई की जाएगी।

 

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा, 'तेलंगाना के चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिया जाता है कि वह इस बात का सुनिश्चित करें कि इस अदालत की ओर से अगला आदेश जारी किए जाने तक कांचा गाचीबावली जंगल में पेड़ न काटने दिए जाएं।' सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसने हाई कोर्ट में चल रहे केस और उसकी सुनवाई पर कोई रोक नहीं लगाई है।

 


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क्या है विवाद?

 

हैदराबाद शहर में स्थित हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के बगल में कांचा गाचीबावली में 400 एकड़ की जमीन पर जंगल मौजूद है। हाल ही में तेलंगाना सरकार ने इस जमीन को साफ करवाने का काम शुरू करवा दिया। कहा जा रहा है कि तेलंगाना सरकार इस जमीन को साफ करवाकर इसकी नीलामी करने जा रही है और यहां कोई आईटी पार्क बनाए जाने की योजना है। ईद से पहले जब बुलडोजर इस जंगल को साफ करने पहुंचे तो छात्र इकट्ठा हो गए और उन्होंने इसके खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने उस दिन 50 से ज्यादा छात्रों को हिरासत में ले लिया था। हालांकि, बाद में उन छात्रों को छोड़ भी दिया गया।

 

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हैदराबाद यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स असोसिएशन (UoHSU) ने इस कार्रवाई की निंदा की थी। छात्र मांग कर रहे हैं कि इस जमीन पर मौजूद जंगल को न काटा जाए और इस जमीन को यूनिवर्सिटी को सौंप दिया जाए। फिलहाल, यह जमीन तेलंगाना की राज्य सरकार के पास है। 

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