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ऑफिस जाते समय हादसे में मौत हो जाए तो मिलेगा मुआवजा, SC का फैसला

काम पर आते या काम से घर लौटते समय अगर रास्ते में कोई दुर्घटना हो जाए तो क्या मुआवजा मिलेगा? इस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है।

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सुप्रीम कोर्ट। (Photo Credit: PTI)

सुप्रीम कोर्ट ने दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारियों को लेकर एक बड़ा फैसला दिया है। एक मामले में सुनवाई के दौरान फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि अगर काम पर आते-जाते वक्त किसी दुर्घटना में कर्मचारी की मौत होती है तो एम्प्लॉई कंपनसेशन (EC) ऐक्ट 1923 के तहत उसका परिवार मुआवजे का हकदार होगा।

 

जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने यह फैसला एक वॉचमैन की मौत से जुड़े मामले में सुनाया है, जो काम पर आते वक्त दुर्घटना का शिकार हो गया था। काम पर आते वक्त दफ्तर से 5 किलोमीटर पहले ही वॉचमैन का एक्सीडेंट हो गया था।

 

वर्कमैन कंपनसेशन ने वॉचमैन के परिवार के हक में फैसला सुनाया था और मुआवजा देने का आदेश दिया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने इस फैसले को यह कहते हुए पलट दिया था कि दुर्घटना को 'काम के दौरान' नहीं माना जा सकता। हाई कोर्ट के इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

 

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क्या था पूरा मामला?

22 अप्रैल 2003 को एक शुगर फैक्ट्री में वॉचमैन का काम करने वाले शाहू संपतराव जधावर की मौत हो गई थी। वह फैक्ट्री में रात के 3 बजे से सुबह 11 बजे तक काम करते थे। अप्रैल 2003 में जब शाहू संपतराव फैक्ट्री जा रहे थे, तब इससे 5 किलोमीटर पहले उनका एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी।

 

वर्कमैन कंपनसेशन के कमिश्नर ने मुआवजा देने का आदेश दिया था। उन्होंने संपतराव के परिवार को 3,26,140 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। साथ ही यह भी आदेश दिया कि फैक्ट्री यह मुआवजा सालाना 12 फीसदी के ब्याज भी दे।

 

इंश्योरेंस कंपनी ने 2011 में इस फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया। हाई कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया। कोर्ट ने कहा कि यह दुर्घटना वर्कप्लेस पर नहीं हुई है, इसलिए इसे 'काम के दौरान हुई दुर्घटना' नहीं माना जा सकता।

 

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अब सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला दिया?

जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने 29 जुलाई को संपतराव के परिवार के हक में फैसला दिया।

 

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कर्मचारी का घर से वर्कप्लेस और वर्कप्लेस से घर जाते समय होने वाला हादसा भी EC ऐक्ट की धारा 3 के तहत 'काम के दौरान और काम से जुड़ा' माना जाएगा।

 

अदालत ने अपने फैसले में कहा, 'EC ऐक्ट की धारा 3 में 'accident arising out of and in the course of his employment' का मतलब इस प्रकार है कि कर्मचारी का नौकरी के लिए घर से वर्कप्लेस तक जाते और ड्यूटी के बाद वर्कप्लेसस से घर तक आते वक्त होने वाली दुर्घटना भी शामिल है, बशर्ते कि दुर्घटना का संबंध काम से हो'

 

सुप्रीम कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी के उस तर्क को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि कर्मचारी की मौत रास्ते में हुई थी, इसलिए मुआवजा नहीं दिया जा सकता।

 

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