ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच पर 14 दिसंबर को हुए आतंकी हमले में करीब 15 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले में दो पाकिस्तानी नागरिक, पिता और बेटा शामिल थे। हमले के दौरान पिता साजिद अकरम (50) पुलिस की गोली लगने से मारा गया जबकि बेटे नवीद अकरम (24) का इलाज पुलिस निगरानी में अस्पताल में चल रहा है। जांच में पता चला है कि साजिद मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला था। इस पर तेलंगाना पुलिस ने बताया कि वह 27 साल पहले ही ऑस्ट्रेलिया चला गया था और अब उसका यहां किसी से कोई संपर्क नहीं है। उसके पास अभी भी भारतीय पासपोर्ट है।
ऑस्ट्रेलियाई सुरक्षा एजेंसियों ने इस हमले को इस्लामिक स्टेट से प्रेरित आतंकवादी कार्रवाई बताया है। मंगलवार (16 दिसंबर) को ऑस्ट्रेलिया की फेडरल पुलिस कमिश्नर क्रिसी बैरेट ने कहा, 'यह हमला इस्लामिक स्टेट से प्रेरित आतंकवादी हमला था।' वहीं, तेलंगाना के डीजीपी ने साफ किया है कि इस हमले से भारत का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बताया कि साजिद 1998 में ही भारत छोड़ चुका था।
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तेलंगाना पुलिस ने क्या बताया?
तेलंगाना पुलिस के DGP ने बताया कि 50 साल का साजिद हैदराबाद का रहने वाला था और नवंबर 1998 में शुरू में स्टूडेंट वीजा पर ऑस्ट्रेलिया चला गया था। उन्होंने यह भी बताया कि उसने भारत छोड़ने से पहले हैदराबाद से बैचलर ऑफ कॉमर्स की डिग्री पूरी की थी। साजिद लगभग 27 साल से वहीं रह रहा था और इस दौरान उसका यहां अपने परिवार के साथ संपर्क कम था। तेलंगाना पुलिस ने इस बात पर जोर दिया कि साजिद के कथित कट्टरपंथ और भारत के बीच किसी भी वैचारिक संबंध का कोई संकेत नहीं मिला है। वह आखिरी बार 2022 में हैदराबाद आया था। उसके पास अभी भी भारतीय पासपोर्ट था। उसका एक बेटा और एक बेटी है जो ऑस्ट्रेलिया में पैदा हुए थे और वहीं के नागरिक हैं।
क्यों छोड़ा भारत?
पुलिस की जांच में सामने आया है कि साजिद ने परिवार से चल रहे विवाद के कारण हैदराबाद छोड़ दिया। उसका बड़ा परिवार था जिससे कई साल पहले ही उसके रिश्ते खराब हो गए थे। समझा जाता है कि रिश्तेदारों ने हमले से बहुत पहले ही उससे रिश्ते तोड़ लिए थे। पुलिस के अनुसार, 2017 में जब उसके पिता की मृत्यु हुई तो वह उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ था।
ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद उसने वेनेरा ग्रोसो से शादी की जिसे पुलिस ने यूरोपीय मूल की महिला बताया है। उसके बाद वह और उसका परिवार स्थायी रूप से ऑस्ट्रेलिया में बस गया।
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हमले से पहले क्यों गए फिलीपींस?
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने बताया कि हमले से एक महीने पहले दोनों की फिलीपींस यात्रा की जांच कर रही है। वहां की इमिग्रेशन ब्यूरो ने BBC न्यूज एजेंसी को बताया कि साजिद और उसका बेटा 1 नवंबर को फिलीपींस गए और फिर 28 नवंबर को वहां से चले गए थे। इमिग्रेशन ब्यूरो ने BBC को बताया कि साजिद अकरम ने भारतीय पासपोर्ट पर यात्रा की जबकि नवीद ने ऑस्ट्रेलियाई पासपोर्ट का इस्तेमाल किया। दोनों ने दवाओ (Davao) से होकर सिडनी के लिए वापसी की फ्लाइट बुक की।
दवाओ मिंडानाओ द्वीप पर एक बड़ा शहर है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां इस्लामी समूह ऐतिहासिक रूप से दक्षिण और पश्चिमी के गरीब इलाकों में सक्रिय रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि अबू सय्याफ जैसे समूहों ने अतीत में तथाकथित इस्लामिक स्टेट के प्रति निष्ठा जताई थी और कम संख्या में विदेशी आतंकवादियों को पनाह दी थी। फिलीपींस की सेना की तरफ से अभी तक इस पर कोई बयान नहीं दिया गया है।