24 फरवरी 2024। रूस ने यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर धावा बोल दिया था। पहले ही हमले में कई यूक्रेनी नागरिकों की मौत हुई थी। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने तीन साल हुए इन हमलों को याद करते हुए कहा है कि अगर यूक्रेन को नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन में शामिल कर लिया जाए तो वह अपने राष्ट्रपति से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प लगातार वोलोदिमीर जेलेंसी की आलोचना कर रहे हैं। वोलोदिमीर जेलेंस्की चाहते हैं कि डोनाल्ड ट्रम्प पहले उनसे मिलें, फिर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करें।
वोलोदिमीर जेलेंस्की का कहना है कि वह NATO की सदस्यता हासिल करने के लिए किसी भी डील पर मुहर लगाने के लिए तैयार हैं। अमेरिका और ट्रम्प प्रशासन ने जेलेंस्की के प्रस्तावों पर चुप्पी साधी है। यूक्रेन NATO का हिस्सा न बने, इसके लिए रूस आए दिन धमकी देता रहा है।
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'NATO में शामिल करो, छोड़ दूंगा पद'
वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कीव में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'अगर यूक्रेन में शांति रहे, अगर आप चाहते हैं कि मैं पद छोड़ दूं तो मैं तैयार हूं। NATO में शामिल होने के बदले अगर यह जरूरी हुआ तो मैं अपना पद छोड़ दूंगा।'
रूस भी खिलाफ, अमेरिका भी, फंस गए जेलेंस्की!
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की बुरे फंसे है। रूस पहले से हमला बोल रहा है। अमेरिका उनके रुख की आलोचना कर रहा है। अमेरिका और रूसी अधिकारियों की सऊदी अरब में हुई उच्च स्तरीय वार्ता के बाद जेलेंस्की और ट्रम्प आमने-सामने हैं।
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व्लादिमीर पुतिन को अलग-थलग करने के लिए यूरोपीय यूनियन कोशिश कर रहा था। ट्रम्प के फैसले ने पूरी रणनीति बदल गई। जेलेंस्की के साथ-साथ यूरोप के कई नेता इस कदम से नाराज हैं। डोनाल्ड ट्रम्प, वोलोदिमीर जेलेंस्की को तानाशाह तक बता चुके हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प के रुख से परेशान जेलेंस्की
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कहना है कि यूक्रेन में ही वोलोदिमीर जेलेंस्की अलग-अलग सर्वे में दावा किया गया कि अलोकप्रिय हो गए हैं। वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि वह ट्रम्प के बयानों से नाराज नहीं हैं। यूक्रेन में मार्शल लॉ खत्म होने के बाद अपनी लोकप्रियता के लिए चुनाव कराने को तैयार हैं। वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा, 'अगर कोई तानाशाह होता, तो उसे तानाशाह शब्द से नाराजगी होती। मैं ट्रम्प से एक-दूसरे के प्रति समझदारी की बहुत उम्मीद करता हूं। अमेरिका से सुरक्षा की गारंटी महत्वपूर्ण है।'
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रूस-अमेरिका की मुलाकत से डरे जेलेंस्की
वोलोदिमीर जेलेंस्की की चिंता है कि अगले सप्ताह अमेरिका और रूस के डिप्लोमेट मुलाकात कर रहे हैं। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो के बीच रियाद वार्ता के बाद डिप्लोमेट स्तर की वार्ता शुरू होगी। डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों पर चर्चा के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटिश प्रधान मंत्री कीर स्टारमर वाशिंगटन पहुंचेंगे। दोनों नेता यूक्रेन पर चर्चा करेंगे।
NATO क्या है?
NATO कई देशों के बीच एक सैन्य गठबंधन है। 4 अप्रैल 1949 को इस संगठन की स्थापना हुई थी। इसका मकसद अपने सदस्य देशों की सुरक्षा और सामूहिक रक्षा की नीति को लागू करना है। साल 2024 तक कुल 31 देश इस संगठन के सदस्य हैं। NATO के चार्टर का अनुच्छेद 5 कहता है कि अगर किसी एक सदस्य देश पर हमला होगा तो सभी सदस्य देश इसे खुद पर हुआ हमला मानेंगे, साथ मिलकर जंग लडेंगे। रूस और यूक्रेन की जंग के बाद फिनलैंड और स्वीडन इस संगठन का हिस्सा बने हैं। यह रूस विरोधी गुट है। रूस नहीं चाहता है कि किसी भी कीमत पर यूक्रेन नाटो का हिस्सा बने। रूस का मानना है कि यह उसकी संप्रभुता के लिए ठीक नहीं है।