गर्मी शुरू होते ही लू चलने की आशंका जताई जाने लगी है। सोमवार को मौसम विभाग ने गर्मी का पूर्वानुमान जारी किया है। इस बार देश में सामान्य से अधिक गर्मी के आसार हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने लू का पूर्वानुमान लगाते हुए बताया है। इस बार अप्रैल से लेकर जून तक तीन महीने लू (हीटवेव) का प्रकोप ज्यादा देखने को मिल सकता है। मौसम विभाग ने बताया कि साल 1901 के बाद इस साल के मार्च महीने में सबसे ज्यादा गर्मी देखने को मिली है। इस साल कुछ राज्य ऐसे भी होंगे, जिसमें लू का प्रकोप अन्य राज्यों से अधिक देखने को मिल सकता है।
IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि अप्रैल से जून के बीच उत्तर भारत, पूर्व भारत, मध्य भारत और अधिकतर मैदानी इलाकों में सामान्य से दो से चार अधिक लू (गर्मी की लहरें) का प्रभाव पड़ सकता है। अप्रैल से जून के बीच सामान्य तौर पर भारत में चार से सात हीटवेव (गर्मी की लहरें) चलती हैं। इसी तरह उत्तर पश्चिम भारत में गर्मियों में हीटवेव दोगुनी हो सकती है। इस क्षेत्र में सामान्यतः पांच से छह हीटवेव (गर्मी की लहरें) चलती हैं। अप्रैल-जून के दौरान देश के करीब-करीब सभी हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहेगा। सिर्फ पश्चिम भारत के कुछ इलाकों में यह सामान्य रह सकता है। उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक रहेगा।
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मार्च में सामान्य से कम बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, मार्च में बारिश सामान्य से 32.6 पर्सेंट कम दर्ज की गई है। उत्तर पश्चिम भारत में यह कमी सबसे ज्यादा 41.3 पर्सेंट रही। मार्च में बारिश कम होने से तापमान बढ़ा। इस साल मार्च में अधिकतम तापमान 32.65, न्यूनतम 18.32 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं, मार्च महीने में औसत तापमान 25.48 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से अधिक है।
बढ़ सकती है बिजली की मांग
गर्मियों में बिजली की मांग बढ़ सकती है। हाल ही में दिल्ली के थिंक टैंक ने कहा था कि इस बार गर्मी में 9 से 10 पर्सेंट बिजली की मांग बढ़ सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल 30 मई को बिजली की मांग 250 गीगावाट थी। जो अनुमान से 6.3 पर्सेंट अधिक था।
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इन राज्यों में लू सबसे ज्यादा करेगी असर
सामान्य से अधिक लू का प्रभाव उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश के साथ कर्नाटक और तमिलनाडु के उत्तरी क्षेत्रों में दिख सकता है।
हर महीने टूट रहा है गर्मी का रिकॉर्ड
मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम, न्यूनतम और औसत तापमान पिछले साल अप्रैल से ही हर महीने नए रिकॉर्ड बना रहा। दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत, पूर्वी और उत्तरपूर्वी भारत में अप्रैल 2024 में वर्ष 1901 के बाद दूसरा सबसे अधिक औसत तापमान दर्ज किया गया। पूर्वी, उत्तर पूर्वी और उत्तर पश्चिम भारत में तीसरा सबसे न्यूनतम और अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है।