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दिल्ली में येलो अलर्ट, बारिश के आसार; पूर्वोत्तर में बाढ़ से 36 मौतें

मौसम अब बदलने लगा है। दिल्ली-एनसीआर में अगले दो दिन में तेज हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना जताई गई है। वहीं, पूर्वोत्तर में बारिश और बाढ़ के चलते 36 लोगों की मौत हो गई है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

देशभर में अब मॉनसून की दस्तक हो गई है। इससे गर्मी से राहत भी मिली है। दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में मौसम विभाग ने तेज हवाएं चलने और बारिश होने की संभावना जताई है। दिल्ली में अगले दो दिन मौसम सुहाना रहने की उम्मीद है, क्योंकि बारिश हो सकती है।


मौसम विभाग ने मंगलवार को दिल्ली के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने गरज के साथ तेज बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने कहा कि अगले दो दिनों में दिल्ली में आमतौर पर बादल छाए रहने और हल्की बारिश या गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। IMD का कहना है कि दिल्ली में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और अगर बारिश होती है तो यह रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी पहुंच जाएगी।

5 जून के बाद बढ़ सकती है गर्मी

मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो दिन बारिश और हवाएं चलने का अनुमान है और 5 जून से मौसम एक बार फिर करवट ले सकता है। 


5 जून से मौसम स्थिर होने की उम्मीद है। आसमान में बादल छाए रहेंगे लेकिन तापमान भी बढ़ेगा। 5 से 8 जून के बीच दिन का तापमान 38 से 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि न्यूनतम तापमान धीरे-धीरे बढ़कर 26 से 28 डिग्री सेल्सियस होने की उम्मीद है।


गर्मी बढ़ने के बावजूद अगले 7 दिनों में हीटवेव चलने की उम्मीद नहीं है। हफ्ते के आखिरी में हवाएं उत्तर-पश्चिमी दिशा में चलने की उम्मीद है, जिस कारण दिल्ली में 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है।

 

 

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लेकिन पूर्वोत्तर में हालत खराब

लगातार भारी बारिश के कारण कई पूर्वोत्तर राज्य भयंकर बाढ़ और लैंडस्लाइड की चपेट में हैं। पूर्वोत्तर में भारी बारिश और बाढ़ के कारण अब तक 36 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 5.5 लाख से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए हैं। 


सबसे ज्यादा 11 मौतें असम में हुई है। असम सबसे ज्यादा प्रभावित है। अरुणाचल प्रदेश में 10, मेघालय में 6, मिजोरम में 5, सिक्किम में 3 और त्रिपुरा में एक व्यक्ति को मौत हुई है।

 

  • असमः अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। 5.35 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। असम में 15 नदियों में पानी खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाकों में से एक लखीमपुर जिले का दौरा किया था। कई क्षेत्रों में लगातार भारी बारिश के कारण सड़क, रेल और नौका सेवाएं बाधित होने से यातायात प्रभावित हुआ है।
  • सिक्किमः मंगन जिले के लाचेन कस्बे के पास छतेन में रविवार शाम को एक सैन्य शिविर पर भूस्खलन होने से तीन सैन्यकर्मियों की मौत हो गई और नौ अन्य लापता हो गए। बादल फटने और लगातार बारिश के कारण तीस्ता नदी में 35-40 फीट तक पानी भर गया, जिससे क्षेत्रीय संपर्क टूट गया और महत्वपूर्ण सड़कों और पुलों को भारी नुकसान पहुंचा।
  • मणिपुरः पिछले चार दिनों से लगातार भारी बारिश के कारण कई नदियों में उफान आने और तटबंध टूटने के बाद मणिपुर में 19,000 से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण इंफाल नदी के तटबंध चार स्थानों पर टूट गए। अधिकारियों ने बताया कि मूसलाधार बारिश ने कम से कम 3,365 घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया और 103 इलाकों को प्रभावित किया, जिससे 19,811 निवासी विस्थापित हो गए। 

  • अरुणाचल प्रदेशः बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि 23 जिलों के 156 गांवों में 938 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। पश्चिमी कामेंग, कामले, निचले और ऊपरी सुबनसिरी, पापुम पारे, दिबांग घाटी, निचली दिबांग घाटी, लोहित, चांगलांग, क्रा दादी, कुरुंग कुमे और लोंगडिंग सहित कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात और भूस्खलन की खबरें हैं क्योंकि प्रमुख नदियाँ और उनकी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
  • त्रिपुराः अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को बारिश कम होने और नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे आने के कारण त्रिपुरा में बाढ़ की स्थिति में सुधार होने लगा है। अभी भी 10,000 से ज्यादा लोग सरकारी राहत शिविरों में रह रहे हैं। आपदा प्रबंधन प्रभारी सरत दास ने बताया कि राज्य प्रशासन ने प्रभावित जिलों में 66 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जिनमें वर्तमान में 2,926 परिवार या 10,813 व्यक्ति शरण लिए हुए हैं।
  • मिजोरमः 24 मई को भारी बारिश शुरू होने के बाद से अब तक भूस्खलन, घर ढहने और बारिश से जुड़ी अन्य घटनाओं के कारण कम से कम पांच लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें तीन म्यांमार के शरणार्थी भी शामिल हैं। मिजोरम में भूस्खलन के कारण 212 सड़कों से संपर्क टूट गया। 

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बारिश से अभी राहत की उम्मीद नहीं

पूर्वोत्तर के राज्यों को अभी बारिश से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग ने असम और मेघालय के लिए रेड अलर्ट जारी किया है और इस हफ्ते भारी से बहुत भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा के लिए भी इसी तरह के अलर्ट जारी किए गए हैं, जहाँ भी भारी बारिश होने की उम्मीद है। IMD ने अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और उत्तराखंड में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान लगाया है।

बाकी राज्यों में कैसा रहेगा मौसम?

मौसम विभाग ने इस हफ्ते मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार और ओडिशा के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान लगाया है। इस दौरान गरज के साथ हल्की बारिश हो सकती है। इस दौरान 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना जताई गई है।


जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में भी इसी तरह की मौसमी स्थितियाँ रहने की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान में धूल भरी आंधी चलने की भी संभावना है। कर्नाटक, केरल और तटीय इलाकों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। साथ ही गरज के साथ तूफान और 40-50 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने की संभावना है।

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