पश्चिम बंगाल में दुष्कर्म और हत्या के एक मामले में दोषी पाए गए 19 वर्षीय युवक को मौत की सजा सुनाई गई है। दक्षिण 24 परगना जिले की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को अपराध के 62 दिन के भीतर ही यह फैसला सुनाया।
5 अक्तूबर को जयनगर में 10 साल की नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में बारुईपुर POCSO कोर्ट ने 19 साल के मुस्तकिन सरदार को दोषी ठहराया था।
ढाई घंटे में हुई थी गिरफ्तारी
पीड़िता के परिवार ने लापता की शिकायत दर्ज काई जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। वारदात के महज ढाई घंटे के भीतर आरोपी को पकड़ लिया गया। बारुईपुर पुलिस ने 25 दिनों के अंदर अपनी जांच पुरी की और 30 अक्तूबर को POCSO कोर्ट में पूरी चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी। बता दें कि पीड़िता 4 अक्तूबर ट्यूशन क्लास से घर लौटते समय लापता हो गई थी और 5 अक्तूबर को उसका शव एक तालाब में बरामद किया गया था।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की सराहना
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस फैसले की सराहना करते हुए इसे 'राज्य के इतिहास में अभूतपूर्व' बताया। गुरुवार को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुब्रत चट्टोपाध्याय की पोक्सो अदालत ने आरोपी मुस्तकिन सरदार को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 65 (दुष्कर्म), 66 (पीड़िता की मौत या उसे लगातार अचेत अवस्था में रखने की सजा) और 103 (हत्या) के अलावा यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी ठहराया। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि पीड़ित के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
21 दिनों में पूरा किया गया मुकदमा
पुलिस ने 30 अक्टूबर को आरोप पत्र दाखिल किया और 5 नवंबर को शुरू हुआ मुकदमा मात्र 21 दिनों में पूरा हो गया। इस समय राज्य में आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के विरोध में हिंसक प्रदर्शन थमे नहीं है। प्रदर्शनकारियों का लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है और पुलिस चौकी में तोड़फोड़ के मामले भी सामने आ रहे है।