तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को करूर में एक्टर विजय की रैली में हुई भगदड़ की जांच के लिए जस्टिस अरुणा जगदीशन (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में नेतृत्व में एक जांच आयोग के गठन की भी घोषणा की है। चेन्नई से लगभग 400 किलोमीटर दूर करूर में अभिनेता विजय की रैली में मची भगदड़ में आठ बच्चों समेत 36 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 16 महिलाएं भी शामिल हैं। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से भगदड़ पर रिपोर्ट मांगी है।
ऐसे में आइए जानते हैं कि आयोग की अध्यक्ष जस्टिस अरुणा जगदीशन कौन हैं? जस्टिस अरुणा जगदीशन, मद्रास हाई कोर्ट से सेवानिवृत्त जज हैं। उन्होंने तमिलनाडु में कई उच्चस्तरीय जांच आयोगों का नेतृत्व किया है। जस्टिस अरुणा ने 2009 से 2015 में अपने रिटायरमेंट तक मद्रास हाई कोर्ट में अवर जज के तौर पर काम किया।
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तूतीकोरिन में स्टरलाइट मामले की जांच
इससे पहले जस्टिस अरुणा जगदीशन ने साल 2018 में तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्टरलाइट को लेकर हुए विरोधी-प्रदर्शनों के बाद भड़की हिंसा की जांच की थी। स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टिंग प्लांट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में 13 लोग मारे गए थे। बाद में राज्य सरकार ने आयोग का गठन किया था।
जस्टिस अरुणा के आयोग ने आईपीएस अधिकारियों सहित 17 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी। वह फरवरी 2015 में वेलाचेरी में कथित फर्जी मुठभेड़ों के लिए चेन्नई पुलिस को क्लीन चिट देने वाली पीठ का भी हिस्सा थीं जिसमें बैंक डकैती के संदिग्ध पांच लोगों की मौत हो गई थी।
जयललिता केस की भी जांच
बता दें कि जस्टिस अरुणा तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री रहीं जे जयललिता और उनके सहयोगियों की संपत्ति से संबंधित मामलों की भी जांच कर चुकी हैं। वह राज्य ही नहीं बल्कि देश की चुनिंदा तेज तर्रार जज मानी जाती हैं।
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गृह मंत्री ने मांगी रिपोर्ट
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी करूर में भगदड़ के बाद की स्थिति की जानकारी लेने के लिए तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि और स्टालिन से बात कर हर संभव केंद्रीय मदद का आश्वासन दिया। अधिकारियों के अनुसार, भगदड़ शाम करीब साढ़े सात बजे उस समय मची जब विजय अपने समर्थकों को संबोधित कर रहे थे।
10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि
भारी संख्या में समर्थक दोपहर में ही इकट्ठा हो गए थे और टीवीके के अध्यक्ष विजय की एक झलक पाने के लिए घंटों से इंतजार कर रहे थे। विजय की पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने जब लोगों को बेहोश होते और गिरते देखकर शोर मचाया तब उन्होंने अपनी रैली रोक दी। बेहोश होने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। स्टालिन ने स्थिति को चिंताजनक बताया।इस बीच, राज्य सरकार ने भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की।