हमें आए दिन अपने परिवार के सदस्यों से कोई न कोई गिफ्ट मिलता है। आप यह सोच सकते हैं कि क्या आपके परिवार के सदस्यों से मिले गिफ्ट टैक्स के दायरे में आते हैं या नहीं? अच्छी बात यह है कि रिश्तेदारों से मिले उपहार भारतीय आयकर अधिनियम (आईटी ऐक्ट) के तहत टैक्स फ्री हैं पर आपको यह जानना होगा कि कानून के तहत वास्तव में 'रिश्तेदार' कौन है? आपको बता दें कि आईटी एक्ट ने धारा 56(2)(x) के तहत रिश्तेदार को परिभाषित किया है। इसमें भी आपके सभी रिश्तेदार शामिल नहीं होते। आइए आईटी ऐक्ट में बताई गई धारा 56(2)(x) के बारे में जानने की कोशिश करते हैं।
मुंबई की रहने वाली अर्चना ने 98.70 लाख रुपये की आय बताकर 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किया था तो उन्हें आयकर विभाग की तरफ से नोटिस जारी किया गया। नोटिस देने का कारण था कि जांच में पाया गया कि अर्चना ने अपने खाते में 89 लाख कैश जमा कराए थे। अर्चना ने नोटिस के जवाब में विभाग को बताया कि यह कैश उनके करीबी लोगों ने तोहफे में दिया था। इस जवाब से विभाग संतुष्ट नहीं हुआ। आयकर विभाग ने कहा कि अर्चना को जो भी रुपये मिले हैं वे इनके रिश्तेदारों ने किसी और से लेकर दिए हैं, इसके कारण इनकम टैक्स भरना पड़ेगा।
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विभाग के फैसले के खिलाफ अपील
आयकर विभाग के फैसले के खिलाफ अर्चना ने अपील दायर की लेकिन 27 जनवरी, 2025 को वह केस हार गईं। इसके बाद उन्होंने आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) मुंबई में अपील दायर की थी। जहां 25 अगस्त 2025 को मुकदमा जीत गईं। आईटीएटी मुंबई ने कहा कि जो कुछ भी सबूत अर्चना ने दिए हैं, वे दिखाते हैं कि उनको मिली रकम का स्रोत पारदर्शी है। ITAT ने माना कि ये रिश्तेदार आयकर कानून की धारा 56(2)(x) के तहत रिश्तेदारों की परिभाषा में आते हैं। आईटीएटी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी भी रिश्तेदार से मिला गिफ्ट टैक्स के दायरे में नहीं आता है।
रिश्तेदार में कौन-कौन शामिल?
आयकर अधिनियम के अनुसार, रिश्तेदार किसी का लाइफ पार्टनर, भाई/बहन, पार्टनर का भाई/बहन, मामा-मामी, चाचा-चाची अन्य होते हैं। हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के लिए कोई भी सदस्य परिवार का माना जाता है। इसमें साफ बताया गया है कि एचयूएफ से मिले पैसे/प्रॉपर्टी अन्य स्रोतों से आय के रूप में टैक्स के अंदर नहीं आएंगे। किसी भी साल 50 हजार या उससे ज्यादा का गिफ्ट परिवार के सदस्यों से मिला हो तो उसमें टैक्स में पूरी छूट मिली हुई है।
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कब मिले हुए गिफ्ट पर छूट?
किसी विशेष समय या अवसर पर मिले उपहार टैक्स फ्री हैं-
- शादी में मिले गिफ्ट
- वसीयत के तहत या उत्तराधिकार के रूप में संपत्ति
- दाता या भुगतानकर्ता की मृत्यु की स्थिति में मिली संपत्ति
HUF के अंदर आने वाली प्रॉपर्टी का किसी भी तरह का बंटवारा इसके अंदर नहीं आता। इस मामले में केवल एचयूएफ के सदस्यों को ही छूट प्राप्त है।