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एयर इंडिया विमान हादसा: जांच रिपोर्ट लीक होने से SC क्यों नाराज?

सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया विमान हादसे से जुड़ी रिपोर्ट के सिलेक्टिव लीक पर नाराजगी जताई है। अदालत ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कहा कि जब तक जांच निष्कर्ष तक नहीं पहुंच जाती है तब तक गोपनीयता बरतनी चाहिए।

 Supreme Court.

सुप्रीम कोर्ट ( Photo Credit: PTI)

सुप्रीम कोर्ट ने अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसे की जांच से जुड़ी रिपोर्ट के चुनिंदा हिस्सा लीक होने पर नाराजगी जताई। रिपोर्ट में कहा गया था कि विमान का ईंधन स्विच रन से कटऑफ हो गया। इसके बाद एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि तुमने बटन क्यों बंद किया? याचिकाकर्ता ने तर्क दिया इससे अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने हादसे के पीछे पालयट को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की मामले की सुनवाई कर रही है।

 

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मौखिक टिप्पणी में कहा कि जांच रिपोर्ट का सिलेक्टिव और टुकड़ों में प्रकाशित होना दुर्भाग्यपूर्ण है। जांच पूरी होने तक पूरी गोपनीयता बनाए रखना जरूरी है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट के कुछ पहलू गैर-जिम्मेदाराना थे। इससमें पालयटों की तरफ से चूक के संकेत मिलते हैं। कोर्ट ने याचिका पर केंद्र सरकार और नागरिक उड्डयन महानिदेशक को नोटिस जारी किया है।

 

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रिपोर्ट लीक होना दुर्भाग्यपूर्ण: सुप्रीम कोर्ट

गैर-सरकारी संगठन सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें शीर्ष अदालत से स्वतंत्र, निष्पक्ष और त्वरित जांच की मांग की गई है। फाउंडेशन की तरफ से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पक्ष रखा। प्रशांत भूषण ने अदालत को बताया कि पीड़ितों और पायलटों के परिजनों ने उनसे संपर्क किया। उन्होंने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट में बताया गया है कि एक पायलट ने दूसरे से ईंधन बंद करने के बारे में पूछा है। इसका अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने पालयटों की गलती को जिम्मेदार ठहराने में इस्तेमाल किया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। रिपोर्ट को टुकड़ों में लीक करने के बजाय तब तक गोपनीयता रखना चाहिए था जब तक जांच निष्कर्ष तक न पहुंच जाए।

प्रशांत भूषण ने जांच पैनल पर उठाए सवाल

प्रशांत भूषण ने कहा कि 5 सदस्यीय जांच पैनल का गठन किया गया है। इनमें से तीन सदस्य नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अधिकारी हैं। इससे यह मामला हितों के टकराव का बनता है। डीजीसीए की भूमिका भी जांच के दायरे में है। ऐसे में इसके अधिकारी जांच का हिस्सा कैसे हो सकते हैं? याचिका में आरोप लगाया गया कि रिपोर्ट में कई अहम जानकारी को छिपाया गया। इसमें पूर्ण डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) आउटपुट, टाइम स्टैंप के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) ट्रांसक्रिप्ट और इलेक्ट्रॉनिक एयरक्राफ्ट फॉल्ट रिकॉर्डिंग (EAFR) डेटा शामिल हैं।

 

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याचिका में फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर के खुलासे की मांग की गई। हालांकि अदालत ने इस मांग पर सवाल उठाया। जवाब में प्रशांत भूषण ने कहा कि फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर में संभावित गड़बड़ियों के बारे में अहम जानकारी मिलेगी। अदालत ने कहा कि अभी डेटा का इस समय जारी करना उचित नहीं है।

265 लोगों की गई थी जान

12 जून को एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान अहमदाबाद में हादसे का शिकार हुई थी। इसमें चालक दल समेत कुल 242 लोग सवार थे। हादसे में विमान में सवार 241 और जमीन पर मौजूद 24 लोगों की जान गई थी। रमेश कुमार विश्वास नाम का एक यात्री बच गया था। मृतकों में 169 भारतीय, 52 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, एक कनाडाई नागरिक और 12 चालक दल के सदस्य शामिल थे।

 

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