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वर्ल्ड बैंक का अनुमान- बाढ़ की वजह से 5 साल में 5 अरब गंवा देगा भारत

भारतीय शहरों को लेकर वर्ल्ड बैंक की नई रिपोर्ट आई है। इसमें कहा गया है कि 2030 तक भारतीय शहरों में 70% नई नौकरियां आएंगी। हालांकि, इसमें एक चेतावनी भी दी गई है।

वर्ल्ड बैंक का अनुमान- बाढ़ की वजह से 5 साल में 5 अरब गंवा देगा भारत

प्रतीकात्मक तस्वीर। (Photo Credit: PTI)

वर्ल्ड बैंक ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय शहरों में अपार संभावनाएं हैं और 2030 तक 70% नई नौकरियां शहरों से ही आएंगी। हालांकि, इस रिपोर्ट में चेतावनी देते हुए यह भी कहा गया है कि शहरों में मौसम से जुड़ी घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे भविष्य में अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है। इसमें कहा गया है कि बाढ़ के कारण 2030 तक भारत को 5 अरब डॉलर का नुकसान होने की संभावना है। वर्ल्ड बैंक ने चेताते हुए कहा कि नुकसान से बचने के लिए जरूरी कदम उठाने की जरूरत है।

 

शहरी आवास मंत्रालय के साथ मिलकर तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2050 तक भारत की शहरी आबादी बढ़कर 95.1 करोड़ हो जाने की उम्मीद है। शहरी आबादी जिस तेजी से बढ़ रही है, उसके लिए 2070 तक 14.4 करोड़ से ज्यादा नए घरों की जरूरत होगी।

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक ओर शहरी आबादी बढ़ रही है तो दूसरी ओर हीट वेव के कारण शहरों में सिटी सेंटर के आसपास के इलाकों के पास 3-4 डिग्री तापमान भी बढ़ रहा है। शहरों में लोग बस रहे हैं और तेजी से विकास हो रहा है, जिस कारण पानी सोखने की क्षमता कम हो रही है, जिस कारण शहरों में बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है।

 

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70% नौकरियों शहरों में आएंगी

वर्ल्ड बैंक ने बताया कि भारत में शहरी आबादी तेजी से बढ़ रही है। 60 साल में शहरी इलाकों में रहने वालों की आबादी 6 गुना बढ़ गई है। 2020 तक शहरों में 48 करोड़ लोग रहते थे, जिनकी आबादी 2050 तक बढ़कर 95.1 करोड़ और 2070 तक 1.1 अरब पहुंचने की उम्मीद है।

 

इसमें कहा गया है कि भारतीय शहर अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देते हैं। अभी भारत की GDP में भारतीय शहरों का योगदान 63% है, जो 2050 तक बढ़कर 75% होने की उम्मीद है।

 

रिपोर्ट कहती है भारतीय शहर विकास का इंजन हैं और इन्होंने ही भारत को तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बना दिया है। 2030 तक 70% नई नौकरियां भारतीय शहरों में ही आएंगी। दुनिया में सबसे ज्यादा तेजी से भारतीय शहर ही बढ़ रहे हैं और कुछ ही सालों कई शहर आबादी और GDP के मामले में दुनिया के कई देशों से भी आगे होंगे

 

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अरब डॉलर का नुकसान और लाखों मौतें

इस रिपोर्ट को चेन्नई, दिल्ली, लखनऊ, इंदौर, सूरत और तिरुवनंतपुरम जैसे 24 शहरों की स्टडी कर तैयार किया गया है। इसमें कहा गया है कि अगर सही से काम किया जाए तो अरबों डॉलर के नुकसान से बचा जा सकता है।

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ के कारण 2030 तक भारतीय शहरों को 5 अरब डॉलर (लगभग 43,200 करोड़ रुपये) का नुकसान हो सकता है। इतना ही नहीं, अगर सही उपाय नहीं किए गए तो 2070 तक यह नुकसान बढ़कर 30 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर सही कदम उठाए जाएं तो 2050 तक बढ़ती गर्मी से होने वाली 1.30 लाख से ज्यादा मौतों को टाला जा सकता है।

 

इसमें कहा गया है कि 2050 तक शहरों में जितना इन्फ्रास्ट्रक्चर जरूरी है, उसका 50% से ज्यादा काम होना अभी भी बाकी है। इसलिए भारत के पास लचीला शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का पूरा मौका है।

 

वर्ल्ड बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे ने कहा कि 'भारत को शहरों का निर्माण करना जरूरी हैआवास, परिवहन और नगरपालिका सेवाओं में निवेश करके शहरों को बढ़ती गर्मी और बाढ़ के खतरे से बचाया जा सकता है'

 

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भारत को क्या करना होगा?

रिपोर्ट में कहा गया है कि क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने के लिए 2050 तक भारत को 2.4 ट्रिलियन डॉलर का निवेश करना होगा। इसके साथ ही, प्राइवेट इन्वेस्टमेंट भी बढ़ाना होगा। इन चुनौतियों से निपटने के लिए 2070 तक लगभग 11 ट्रिलियन डॉलर की जरूरत होगी।

 

इसमें कहा गया है कि भारतीय शहरों को गर्मी और बाढ़ से निपटने पर काम करना होगा और बाढ़ के पानी का निपटान और घरों पर ठंडी छतों का निर्माण करना होगा। इसके अलावा, नगर पालिका सेवाओं को भी दुरुस्त करना होगा, ताकि कचरे का सही निपटान हो सके और बाढ़ का खतरा न हो।

 

रिपोर्ट की को-ऑथर अस्मिता तिवारी और नात्सुको किकुताके ने कहा कि 'कुछ भारतीय शहरों में अच्छा काम हो रहा है, जो शहरी विकास की दिशा में तेज कार्रवाई का रास्ता दिखा रहे हैं। अगर समय पर सही उपाय किए जाएं तो न सिर्फ भारतीयों और संपत्तियों की सुरक्षा हो सकेगी, बल्कि नई नौकरियां और इनोवेशन को भी बढ़ावा मिलेगा'

 

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