उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेसवे पर आगरा से नोएडा की ओर जा रही कई गाड़ियों में भिडंत हुई, जिसमें कम से कम 13 लोग मारे गए हैं। यह हादसा सुबह 4 बजे हुआ है। 6 बसें और 2 कारें आपस में ऐसे टकराईं कि गाड़ियों में आग लग गई। कई यात्रियों की मौत हो गई है, कई गंभीर रूप से जख्मी हैं। यूपी पुलिस ने मरने वालों के अभी सटीक आंकड़े नहीं बताए हैं। पुलिस रेस्क्यू के लिए मौके पर पहुंची है। जली हुई गाड़ियो के अवशेष नजर आ रहे हैं। कई गाड़ियां बुरी तरह से क्षतिग्रस्त नजर आ रहीं हैं।
मथुरा में हुए हादसे के बाद वहां मौजूद एक यात्री ने कहा, 'यहां पर एक्सीडेंट हो गया है। एक हादसा हुआ और करीब 3-4 गाड़ियों में आग लग गई। जब हादसा हुआ तब मैं सो रहा था। बस पूरी तरह भरी हुई थी। सभी सीटें भरी हुई थीं। हादसा सुबह करीब 4 बजे हुआ।'
एक चश्मदीद ने बताया, 'हम दिल्ली जा रहे थे और वहां अंधेरा ज्यादा था। कोहरा बहुत ज्यादा था। अचानक एक जोरदार आवाज आई। हमने देखा कि बसें एक-एक करके टकरा रही थीं। जब बस में आग लगी तो लोग भाग रहे थे और बचने की कोशिश कर रहे थे। मेरे परिवार के एक सदस्य की मौत हो गई है।'
मृतक परिवार को मिलेंगे 2 लाख, घायलों को 50 हजार
पीएम नरेंद्र मोदी ने मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे हादसे पर शोक जताया है। उन्होंने मृतक के परिवार को प्रधानमंत्री राहत कोष (PMNRF) से 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, 'उत्तर प्रदेश के मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे में लोगों की जान जाने का दुख बहुत ज्यादा है। मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मैं घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं। PMNRF से हर मृतक के परिवार को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।'
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सुरेश चंद्र रावत, पुलिस अधीक्षक, मथुरा ग्रामीण:-
यह हादसा एक्सप्रेसवे पर आगरा-नोएडा लेन पर माइलस्टोन 127 पर हुआ। तीन कारों की टक्कर हुई, जिसके बाद सात बसें उनसे टकरा गईं, जिनमें से 1 रोडवेज बस है और बाकी छह स्लीपर बसें हैं। मौके पर 11 फायर टेंडर मौजूद हैं। सभी बसों में आग लग गई थी और अब आग पर काबू पा लिया गया है। अब तक 4 शव बरामद किए गए हैं। बचाव कार्य जारी है।
हादसा क्यों हुआ है?
नोएडा एक्सप्रेसवे पर कई दिनों से भीषण धुंध पड़ रही है। कई जगहों पर 50 मीटर दूर भी कुछ नहीं दिख रहा है। सड़क पर दृश्यता कम होने की वजह से ड्राइवरों को ब्रेक लगाने का मौका भी नहीं मिला। रफ्तार और टक्कर इतनी तेज थी कि देखते ही देखते जितनी गाड़ियां आसपास चल रहीं थीं, आग की चपेट में आ गईं।
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आग इतनी तेज फैली कि यात्री अंदर फंसे रह गए। मौके पर चीख-पुकार मच गई और लोग मदद के लिए चिल्लाते रहे। हादसे के वक्त लोग बस में सो रहे थे। कई घायलों की हालत गंभीर है।
अब कैसे हालात हैं?
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस मौके पर पहुंची। रेस्क्यू टीम ने आग बुझाई और फंसे लोगों को बाहर निकाला। घायलों को मथुरा और आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। हादसे के बाद सड़क भी काफी देर तक प्रभावित रही। घटानास्थल से मलबा हटाया जा रहा है।
घटना के विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा है।