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बंगाल से लेकर MP-UP और महाराष्ट्र तक... 2025 में हुई हिंसा की 5 बड़ी घटनाएं

2025 में देश के कई हिस्सों में हिंसा हुई। कभी यूपी तो कभी बंगाल तो कभी मध्य प्रदेश में। जब 2025 खत्म होने वाला है तो नजर डालते हैं ऐसी ही 5 हिंसक घटनाओं पर...

2025 violence

प्रतीकात्मक तस्वीर। (Photo Credit: PTI)

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साल 2025 में देश के कई हिस्सों से हिंसा और तनाव की खबरें सामने आईं। लेह-लद्दाख से लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद तक और महाराष्ट्र के नागपुर से लेकर यूपी के कानपुर और मध्य प्रदेश के इंदौर तक... हिंसा की कई खबरें सामने आईं। ये ऐसी हिंसा थी जिनमें कई दिनों तक सांप्रदायिक तनाव बना रहा।


इस साल मार्च में नागपुर में जबरदस्त हिंसा को देखने को मिली। मार्च में ही इंदौर के महू में भी सांप्रदायिक हिंसा हुई। इसके बाद अप्रैल में मुर्शिदाबाद सांप्रदायिक हिंसा की आग में जला। फिर लेह में भी हिंसा हुई और कानपुर में आई लव मोहम्मद को लेकर तनाव बना रहा। 


अब जब 2025 में कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं तो इन 5 हिंसक घटनाओं के बारे में जानते हैं, जिनके कारण हफ्तों तक तनाव बना रहा।

 

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औरंगजेब की कब्र पर विवाद और जल उठा नागपुर

17 मार्च की रात को औरंगजेब की कब्र को लेकर महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा भड़क उठी। हिंसा एक अफवाह से भड़की। महाल इलाके में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा के सामने बजरंग दल के कार्यकर्ता औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। अफवाह उड़ी कि इसी प्रदर्शन में कुरान जला दी गई। बजरंग दल ने दावा किया था कि औरंगजेब का पुतला जलाया गया था। 


तभी मुस्लिम समुदाय के लोग जुटने लगे और देखते ही देखते हिंसा भड़क उठी। 200-250 लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों के घरों पर पत्थर फेंके गए। कई गाड़ियों को फूंक दिया गया। इस हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

 


इस हिंसा को भड़काने का आरोप फहीम खान पर लगा। आरोप लगा कि फहीम खान ने ही वीडियो एडिट करके वायरल किया, जिसके बाद नागपुर में हिंसा भड़की। फहीम खान समेत 6 लोगों को देशद्रोह का मुकदमा भी दर्ज किया गया। प्रशासन ने फहीम खान का घर बुलडोजर से ढहा दिया था।

चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत और महू में हिंसा

9 मार्च को भारत और पाकिस्तान के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का मुकाबला हुआ। इसे भारत ने जीत लिया। इसके बाद देशभर में जीत का जश्न मनाया गया। जीत के जश्न में हिंसा की आग तब लगी जब इंदौर के महू में एक जुलूस निकाला जा रहा था।


9 मार्च की रात को जब कुछ लोगों विजय जुलूस निकाला तो दो पक्षों में विवाद हो गया। विजय जुलूस जब जामा मस्जिद इलाके में पहुंचा तो पथराव होने लगा।

 


बताया गया कि जिस वक्त जुलूस निकाला गया, उस वक्त जामा मस्जिद में नमाज चल रही थी। इसी दौरान पटाखे फोड़े गए, जिससे दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों तरफ से पथराव होने लगा। इसके बाद कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई। कई गाड़ियों में आग के हवाले कर दिया गया। इस हिंसा में 12 बाइकें, दो ऑटो, एक कार और दो दुकानों को फूंक दिया गया था।


जामा मस्जिद के पास हिंसा भड़कने के बाद इंदौर के और भी कई इलाकों में झड़पें हुईं। इस हिंसा में 6 लोग भी घायल हुए। गनीमत रही कि पुलिस ने पहुंचकर मामले को संभाल लिया। पुलिस ने इस मामले में 40 लोगों के खिलाफ 4 FIR दर्ज की थी।

 

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वक्फ कानून का विरोध और मुर्शिदाबाद में हिंसा

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। इस दौरान 8 से 12 अप्रैल के मुर्शिदाबाद के कई इलाकों में हिंसा भड़की। ये हिंसा सूती, धुलियां, श्मशेरगंज और जांगीपुर जैसे इलाकों में हुई।


12 अप्रैल को श्मशेरगंज में हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास की भीड़ ने हत्या कर दी। भीड़ ने बेतबोना गांव में हिंदुओं के 113 घरों को जला दिया। 


इस हिंसा को लेकर फैक्ट फाइडिंग कमेटी ने मई में कलकत्ता हाई कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया कि मुर्शिदाबाद में टीएमसी के पार्षद महबूब आलम ने हिंसा भड़काई थी।

 


कमेटी ने रिपोर्ट में बताया कि इस हिंसा के दौरान पुलिस निष्क्रिय और गायब रही। बेतबोना गांव के लोगों ने 11 और 12 अप्रैल को कई बार पुलिस को फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। उग्रवादियों ने पानी का कनेक्शन काट दिया था, ताकि घर जलाने पर उसे बुझाया न जा सके।


मुर्शिदाबाद में अलग-अलग जगहों पर भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने 100 से ज्यादा FIR दर्ज की थी। वहीं, करीब 276 लोगों को गिरफ्तार किया था।

 

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'आई लव मोहम्मद' पर देशभर में बवाल

4 सितंबर को यूपी के कानपुर में एक इलाके में 'आई लव मोहम्मद' का साइन बोर्ड लगा। यह बोर्ड सैयद नगर में जफर वाली गली में लगा था। इसके बाद 5 सितंबर को हिंदुओं के एक बोर्ड को कुछ मुस्लिमों ने कथित तौर पर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। 


4 और 5 सितंबर की इन घटनाओं को लेकर 10 सितंबर को पुलिस ने केस 24 मुस्लिम युवकों के खिलाफ केस दर्ज किया।


कानपुर से शुरू हुआ 'आई लव मोहम्मद' का विवाद बरेली तक जा पहुंचा। मुस्लिमों के खिलाफ दर्ज FIR को बरेली के इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने संविधान के खिलाफ बताया। उन्होंने 26 सितंबर को बरेली के इस्लामिया ग्राउंड में इकट्ठा होने की अपील की।

 


26 सितंबर को जुमा भी था। इस्लामिया ग्राउंड पर जब 'आई लव मोहम्मद' के समर्थन में रैली निकाली गई तो हिंसा भड़क गई। दर्जनों लोग इस हिंसा में घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने 10 FIR दर्ज की थीं। मौलाना तौकीर रजा को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। 70 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिनमें से ज्यादातर तौकीर रजा के सहयोगी थे।

लेह में भड़की हिंसा, सोनम वांगचुक गिरफ्तार

2019 में जम्मू-कश्मीर से अलग होकर केंद्र शासित प्रदेश बने लद्दाख में 24 सितंबर को हिंसा भड़क गई थी। हिंसा तब भड़की जब पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग पर विरोध प्रदर्शन हो रहा था। लेह में 36 साल बाद इस तरह की हिंसा भड़की थी।


लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर लेह में कई बार विरोध प्रदर्शन हो चुके थे। इन्हीं मांगों को लेकर एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक भी कई बार भूख हड़ताल कर चुके थे। 

 


सितंबर में लेह अपेक्स बॉडी (LAB) के कुछ कार्यकर्ताओं ने भी भूख हड़ताल कर दी। 23 सितंबर को LAB के दो कार्यकर्ताओं की इस वजह से मौत हो गई। इसके बाद 24 सितंबर को हिंसा भड़क उठी।इस हिसा में 80 से ज्यादा लोग घायल हो गए, जिनमें लगभग 40 पुलिसकर्मी थे। 4 लोगों की मौत भी हो गई।


इस हिंसा के मामले में 26 सितंबर को सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में ले लिया गया। सोनम वांगचुक पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा। वह फिलहाल जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं।

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