एक देश, एक चुनाव (One Nation One Election) की दिशा में मोदी सरकार ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद विधेयक संसद में पेश करने का रास्ता साफ हो गया है। इससे पहले विपक्षी पार्टियों ने एक देश, एक चुनाव को लेकर सरकार पर हमला किया है।
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एक राष्ट्र, एक चुनाव को बीजेपी की चुनावी जुगाड़ योजना करार दिया है। उन्होंने संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव बीजेपी की 'चुनावी जुगाड़ योजना' के अलावा और कुछ नहीं है।
नीतियों को लेकर गंभीर सवाल उठाए
कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने इससे पहले गुरुवार को इस मुद्दे पर बीजेपी और उसकी सरकार की नीतियों को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि एक देश, एक चुनाव सही मायनों में एक 'अव्यावहारिक' ही नहीं 'अलोकतांत्रिक व्यवस्था भी है क्योंकि कभी-कभी सरकारें अपनी समयावधि के बीच में भी अस्थिर हो जाती हैं तो क्या वहां की जनता बिना लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व के रहेगी।
जनमत का अपमान होगा
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि इसके लिए सांवैधानिक रूप से चुनी गई सरकारों को बीच में ही भंग करना होगा। यह जनमत का अपमान होगा। दरअसल, एक देश एक चुनाव लोकतंत्र के खिलाफ, एक सोच का बहुत बड़ा षड्यंत्र है, जो चाहता है कि एक साथ ही पूरे देश पर कब्जा कर लिया जाए।
संघीय ढांचे पर एक आक्रमण
इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक को मंजूरी दिए जाने पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि कांग्रेस ने पहले ही इसपर अपनी राय रखी है कि यह हमारे संघीय ढांचे पर एक आक्रमण है और संसद में चुनाव प्रक्रिया पर चर्चा होनी चाहिए।