SP, कांग्रेस को कोसा, फिर योगी सरकार को थैंक्यू क्यों बोलीं मायावती?
लखनऊ में BSP की रैली से मायावती ने समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी को जमकर कोसा। उन्होंने अखिलेश यादव के 'कांशीराम प्रेम' पर भी सवाल उठाए।

योगी आदित्यनाथ और मायावती, Photo Credit: Khabargaon
लंबे समय के बाद बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने आज उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विशाल रैली आयोजित की है। BSP के संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर लखनऊ के कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित इस रैली में पार्टी की मुखिया मायावती ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के साथ-साथ केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जमकर कोसा। मायावती ने इसी मंच से अखिलेश यादव को कोसते हुए उत्तर प्रदेश की मौजूदा योगी आदित्यनाथ सरकार को धन्यवाद दिया, जो अब चर्चा का विषय बन गया है।
मायावती की सरकार के दौरान बने कांशीराम स्मारक स्थल में कांशीराम और मायावती की मूर्तियां लगाई गई थीं। इसी पार्क में कई हाथी भी लगाए गए हैं। अब इसी पार्क की हालत का जिक्र करते हुए मायावती ने अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा और यूपी की मौजूदा सरकार को धन्यवाद दे दिया।
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इस मौके पर मायावती ने कहा, 'हम राज्य की मौजूदा सरकार के प्रति आभारी हैं क्योंकि पूर्व की सपा सरकार की तरह मौजूदा सरकार ने इस स्थल को देखने वाले लोगों के टिकट के पैसों को दबाकर नहीं रखा बल्कि पार्टी के आग्रह करने पर इसकी मरम्मत पर खर्च किया है। इस संबंध में मैं आपको बताना चाहती हूं कि जब हमारी सरकार थी और यह विशाल स्मारक स्थल बनाया गया था तो उसी वक्त हमारी सरकार ने व्यवस्था की थी कि इस पर टिकट लगेगा और उस पैसे को किसी और मद पर खर्च नहीं होगा।'
#WATCH | Lucknow, UP: On the death anniversary of party Founder Kanshi Ram, BSP chief Mayawati says, "We are grateful to the present government because unlike the Samajwadi Party government, the money collected from the people visiting this place has not been suppressed by the… pic.twitter.com/ZeWBYlL3YL
— ANI (@ANI) October 9, 2025
अखिलेश पर मायावती का निशाना
समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए मायावती ने कहा, 'जब यूपी में SP की सरकार थी और ये स्थल बन चुके थे, तब उन्होंने इनके रखरखाव पर कोई पैसा नहीं खर्च किया। टिकटों का पैसा दबाकर रख लिया। अब जब वे सत्ता से बाहर हैं तो दो-तीन पहले मीडिया में खबर छपवा रहे थे कि हम मान्यवर कांशीराम के सम्मान में संगोष्ठी करेंगे। जब वे सरकार में रहते हैं तो न तो उन्हें पीडीए याद आता है और न ही मान्यवर कांशीराम की जयंती और पुण्यतिथि याद आती है। जब वे सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो समाजवादी पार्टी को संगोष्ठी करने की याद आती है। मैं सपा मुखिया अखिलेश यादव से पूछना चाहती हूं कि अगर मान्यवर कांशीराम जी के प्रति इतना ही सम्मान था तो हमने जो कासगंज जिला बनाकर उसका नाम मान्यवर श्री कांशीराम जी नगर रखा था, जैसे ही सपा सत्ता में आई, उन्होंने नाम बदल दिया। हमने अनेकों संस्थानों के नाम माननीय कांशीराम जी के नाम पर रखे लेकिन समाजवादी पार्टी ने सब बदल दिया। यह इनका दोगला चरित्र नहीं तो और क्या है?'
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#WATCH | Lucknow, UP: On the death anniversary of party Founder Kanshi Ram, BSP chief Mayawati says, "When the Samajwadi Party was in power and these memorial sites were built, they did not spend money for the maintenance of the sites... When they are out of power, they remember… pic.twitter.com/IGqv5Uu8dn
— ANI (@ANI) October 9, 2025
मायावती ने कहा, 'हमने तीन बार मिली-जुली सरकार बनाई थी लेकिन चौथी बार हमने अपने दम पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। यह कांग्रेस, बीजेपी, सपा और अन्य जातिवादी पार्टियों को कतई अच्छा नहीं लगा है जबकि इससे पहले केंद्र की रही बीजेपी सरकार ने सत्ता का दुरुपयोग करके मेरे ऊपर, मेरे मां-बाप, भाई-बहन और अन्य रिश्तेदारों पर गलत और फर्जी केस दर्ज कराकर हम सभी को जबरदस्ती इनकम टैक्स और सीबीआई आदि के जंजाल में फंसाकर हमारी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है। कांग्रेस ने भी हमें न्याय देने के बजाय काफी उलझा दिया था। हम इन सब के खिलाफ कोर्ट गए जहां हमें न्याय मिला है। ऐसे हालात में भी हमने 2007 के चुनाव में जीत हासिल की थी और बीएसपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी।'
2027 के विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा है कि उनकी पार्टी किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। इसी रैली में बीएसपी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद ने अपनी बात रखने के बाद मंच पर ही मायावती के पैर छूकर आशीर्वाद लिया तो पूरा मैदान शोर से गूंज उठा। आकाश आनंद ने भरोसा जताया कि 2027 में बीएसपी एक बार फिर से सरकार बनाएगी।
गठबंधन करने से तौबा
गठबंधन का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा, 'आप रिकॉर्ड उठाकर देख लो, 2007 में बीएसपी ने अकेले यूपी का विधानसभा चुनाव लड़ा और 200 से ऊपर सीटें जीत गई। फिर हमने यूपी में पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। इस दौरान हमने सर्व समाज में कई ऐतिहासिक काम किए। ऐसे में गठबंधन करके चुनाव लड़ने से या गठबंधन की सरकार बनाने से भी लोगों का विकास व उत्थान नहीं हो सकता है। इसलिए अब तक के अनुभवों के मुताबिक, हमने फैसला किया है कि 2027 में भी हम 2007 की तरह ही अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।'
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